स्वास्थ्य
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जरूरी उपकरण और तकनीशियन शीघ्र ही उपलब्ध होंगें
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में जरूरी उपकरण और तकनीशियन शीघ्र ही उपलब्ध होंगें
सीएन, अल्मोड़ा। नगर अल्मोड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक अनुकरणीय पहल की है। हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशक से फोन पर वार्ता की। इस वार्ता का उद्देश्य अल्मोड़ा और अन्य पर्वतीय जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर प्रकाश डालना था। संजय पाण्डेय ने अधिकारियों को जानकारी दी कि जिला महिला अस्पताल के भवनों के जीर्णोद्धार के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए हल्द्वानी जैसे दूरस्थ स्थानों का रुख करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला अस्पताल में करोड़ों रुपये की लागत से ऑपरेशन थियेटर तैयार हो रहा है लेकिन वहां लेप्रोस्कोपिक दूरबीन विधि से ऑपरेशन की सुविधा का अभाव है। संजय पाण्डे ने इस संदर्भ में आवश्यक उपकरणों की सूची अधिकारियों को सौंपी। इसके अलावा उन्होंने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड की सुविधा की कमी पर भी जोर दिया और शासन से इसे उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि अल्मोड़ा और अन्य पहाड़ी जिलों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दोनों विभागों के महानिदेशकों ने संजय पांडे की मांगों को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि इन आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में सभी जरूरी उपकरण और तकनीशियन शीघ्र ही उपलब्ध कराए जाएंगे। संजय पाण्डेय के इन प्रयासों से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। उनके इस नेक कार्य से स्थानीय लोगों को न केवल बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी बल्कि उन्हें अन्य शहरों में जाने की परेशानी से भी निजात मिलेगी। संजय पाण्डेय की यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। उनकी मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि जब समाज के जागरूक नागरिक मिलकर काम करते हैं तो वे बड़े बदलाव ला सकते हैं। उनकी यह पहल अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगी और उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की दिशा में एक नई शुरुआत करेगी।