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स्वास्थ्य

आज 12 नवंबर को है विश्व निमोनिया दिवस : लोगों में फैलाई जाती है जागरूकता

आज 12 नवंबर को है विश्व निमोनिया दिवस : लोगों में फैलाई जाती है जागरूकता
सीएन, नैनीताल।
वर्ल्ड निमोनिया डे हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन न्यूमोनिया से जुड़ी जागरूकता लोगों में फैलाई जाती है। यह बीमारी बच्चों और बड़ों में काफी अधिक फैलती है। निमोनिया में फेफड़े में इंफेक्शन हो जाता हैं। फेफड़ों में पानी मवाद भरने से सांस लेने में दिक्कत मवाद और कफ की समस्याएं परेशान करने लगती हैं। समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो ये गंभीर रूप धारण कर सकती है। वहीं समय रहते इलाज मिल जाने पर मरीज ठीक भी हो सकता है। यह दिन पहली बार 12 नवंबर 2009 को ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया द्वारा मनाया गया था। तब से हर साल यह दिन एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस दिन तरह.तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। विश्व निमोनिया दिवस में निमोनिया के खिलाफ लड़ाई में दुनिया को एक मंच प्रदान करना है। 100 से अधिक संगठनों ने 12 नवंबर 2009 को पहला विश्व निमोनिया दिवस आयोजित किया था। विश्व निमोनिया दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। दरअसल कई लोग निमोनिया के लक्षणों को हल्के में ले लेते हैं। ऐसे में लोगों को निमोनिया के प्रति जागरूक करना होता है। इससे लक्षणों की पहचान करके इलाज कराना जरूरी होता है। साल 2019 में दुनियाभर में 25 लाख लोगों की निमोनिया के कारण जान चली गई थी।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया होने पर सर्दी और जुकाम हो सकता है। इससे आपके फेफड़ों में इंफेक्शन तेजी से बढ़ने लगता है। निमोनिया में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। सीने में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। निमोनिया होने पर सिर में तेज दर्द या फिर भारीपन महसूस हो सकता है।
किनको है अधिक सचेत रहने की आवश्यकता
यह बीमारी ज़्यादातर 5 वर्ष या इससे कम आयु वाले बच्चों को होती है। इसके अलावा जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो, पोषण की कमी से जूझ रहे लोग, किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और बुजुर्गों में इसका जोखिम अधिक होता है। साथ ही निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से संक्रमण फ़ैल सकता है। साफ़ सफाई में कोताही बरतने या दूषित वातावरण की वजह से भी इसके फैलने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
कैसे करें बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए साफ़ सफाई पर ख़ासा ध्यान दें। लेकिन सबसे ज्यादा ज़रूरी है टीका.करण! बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत जांच करवाएं व डॉक्टर की सलाह लें। निमोनिया के दौरान कोशिश होनी चाहिए कि रोगी को केवल संतुलित आहार दिया जाए। रोगी के पोषण व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्यों का ख़ास ख्याल रखा जाए। प्रोटीन युक्त आहार, जैसे अंडे, मछली, हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन लाभदायक है। लेकिन इस सन्दर्भ में भी केवल सम्बंधित डॉक्टर की सलाह पर रोगी का खान पान तय करें।

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