विधि
हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे प्रकरण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे प्रकरण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
सीएन, नईदिल्ली। हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे प्रकरण की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में तय थी लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि आज ;गुरुवारद्ध इस मामले की सुनवाई नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में आज की सूची में हल्द्वानी रेलवे केस का नाम शामिल नहीं है जिससे यह मामला टल गया है। याद दिला दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई 2024 को एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें केंद्र सरकार राज्य सरकार और रेलवे को निर्देश दिया था कि वे एक साझा कार्यक्रम व योजना तैयार करें। यह योजना 27 नवंबर 2024 तक कोर्ट में पेश की जानी थी लेकिन कुछ कारणों से सुनवाई की तारीख बढ़ा दी गई। पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि 12 दिसंबर 2024 को इस मामले पर सुनवाई होगी लेकिन अब यह तय नहीं हो पाया है कि अगली सुनवाई कब होगी। हल्द्वानी रेलवे मामले में यह निर्णय एक अहम मोड़ पर है और इसे लेकर हल्द्वानी सहित पूरे उत्तराखंड में लोग उम्मीद लगाए हुए हैं। मालूम हो कि पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि स्टेशन के विस्तार के लिए अतिक्रमित भूमि की आवश्यकता है। इन सुविधाओं के बिना हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को चालू नहीं किया जा सकता। सुनवाई के दौरान पता चला कि रेलवे के स्वामित्व वाली लगभग 30.04 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण होने का दावा किया गया है। कथित तौर पर इस स्थल पर 50,000 से अधिक लोग लगभग 4600 घरों में रहते हैं। सुनवाई के दौरान भूमि के एक हिस्से की तत्काल आवश्यकता को प्रदर्शित करने के लिए कुछ वीडियो और तस्वीरें संदर्भित की गईं जहां अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के अलावा निष्क्रिय रेलवे लाइन को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सैकड़ों परिवार एक दशक से रह रहे हैं, हमने निम्नलिखित कार्य करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए। उन परिवारों की पहचान करना जिनके प्रभावित होने की संभावना है। प्रस्तावित स्थल जहां ऐसे प्रभावित लोगों का पुनर्वास किया जा सके। केंद्र और राज्य स्तर पर नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है। हम राज्य के मुख्य सचिवों को रेलवे अधिकारियों और केंद्रीय मंत्रालय के साथ बैठक बुलाने का निर्देश देते हैं। पुनर्वास योजना लाया जाए जो उचित न्यायसंगत और सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हो।