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मुर्दाें ने जमकर किया मतदान, परिजन हैरान,  15 साल पहले मर चुके लोगों ने किया मतदान

मुर्दाें ने जमकर किया मतदान, परिजन हैरान,  15 साल पहले मर चुके लोगों ने किया मतदान
सीएन, पटना।
बिहार की मोक्ष नगरी गया में आम मतदाताओं से कहीं ज्यादा लोकतंत्र के महापर्व में मृतकों ने मतदान कर इसमें अपनी भूमिका निभाई है। यह जानकारी उनके परिजनों को तब लगी जब वह मतदान केंद्र पर मतदान करने पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनके मृत के नाम के आगे मतदान करने का सही निशान लगा है। बिहार के गया में आयोजित पितृपक्ष मेला में ऐसी मान्यता है कि मृत पितृ यहां पिंडदान लेने आते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि यहां मृतकों ने चुनाव में मतदान भी किया है। आम मतदाताओं से कहीं ज्यादा लोकतंत्र के महापर्व में मृतकों ने मतदान कर इसमें अपनी भूमिका निभाई है। यह जानकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन यह सच है। गया जिले में 5 चरणों में पैक्स चुनाव होना है। बोधगया प्रखंड के मोचारिम पंचायत में पैक्स चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। पैक्स यानी प्राथमिक कृषि साख समितियां चुनाव में काफी संख्या में मृतकों ने बढ़.चढकर मतदान में हिस्सा लिया है। अब यह बात उजागर हो रही है कि पैक्स चुनाव के मतदान के दिन मोचारिम पंचायत के बड़की बभनी गांव में ऐसे कई मृत मतदाताओं के नाम सामने आए हैं जिनमें किसी की 10 महीने पहले मौत हो गई है तो कई लोगों की 15 साल पहले ही मौत हो चुकी है। यह जानकारी उनके परिजनों को तब लगी जब वह मतदान केंद्र पर मतदान करने पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनके मृत के नाम के आगे मतदान करने का सही निशान लगा है। तब उन्हें जानकारी हुई कि मृतकों के नाम से भी मतदान किया गया है। मतदान केंद्र पर मतदान के लिए पहचान पत्र की जरूरत पड़ती है अब ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि किस पहचान पत्र के आधार पर मृतकों ने मतदान किया है। गांव के ही राम प्रसाद मांझी, अर्जुन मांझी सहित 100 से अधिक मृतकों का नाम मतदाता सूची में शामिल हैं और ऐसे मतदाताओं ने मतदान भी किया हैं। मृतक अर्जुन मांझी की मां कारी देवी ने बताया कि उसके बेटे की मौत हो गई थी। उसने बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिखाया। उसे मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि उसके बेटे के नाम पर भी मतदान कर दिया गया है। यह जानकर वह खुद हैरान है।

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