राजनीति
शिवसेना को 2019 में खत्म करना चाहती थी बीजेपी, पवार ने अपनी किताब में किये खुलासे
शिवसेना को 2019 में खत्म करना चाहती थी बीजेपी, पवार ने अपनी किताब में किये खुलासे
सीएन, नईदिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को अपनी जीवनी पर लिखी किताब के दूसरे भाग का विमोचन करने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबर से सभी को चौंका दिया। जहां उनके समर्थक शरद पवार को अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो वहीं पर उनके भतीजे अजीत पवार ने फैसले पर विचार करने के लिए 2.3 दिन का समय लिया है। उल्लेखनीय है कि राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ समय से चाचा शरद पवार और भतीजे अजीत पवार के बीच तनातनी की खबरे हैं जिसके चलते पार्टी के अंदर फूट पड़ने की आशंका जताई जा रही थी। माना जा रहा था कि अजीत पवार पार्टी के कुछ विधायकों के साथ जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि शरद पवार के ऐलान के बाद जिस किताब का वो विमोचन करने पहुंचे थे वो बुक लॉन्च का कार्यक्रम ही पूरा नहीं हो सका। पवार ने अपनी इस किताब में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं और राजनीतिक गलियारों में पिछले 2 दशक के अंदर हुए उलटफेर के बारे में बताया है। इस दौरान उन्होंने बड़ा दावा करते हुए लिखा है कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने 30 साल पुराने साथी और सहयोगी पार्टी शिवसेना को खत्म करने के लिये तैयार थी। शरद पवार ने इसके पीछे का कारण बताते हुए दावा किया है कि बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त थी कि वो महाराष्ट्र में तब तक एकछत्र सरकार नहीं बना सकती जब तक कि राज्य से शिवसेना का नामो निशान न मिटा दिया जाए। अपनी ऑटोबॉयोग्राफी के दूसरे भाग लोक माझे संगति में शरद पवार ने 2019 विधानसभा चुनाव को लेकर कई खुलासे किये और बताया कि किस वजह से शिवसेना ने बीजेपी से अलग होकर महा विकास अघाड़ी बनाने का फैसला किया। शिवसेना को खत्म करने की खबरों ने बीजेपी के खिलाफ सहयोगी पार्टी में गुस्सा भर दिया और जैसे ही उन्होंने महाविकास अघाड़ी बनाने का फैसला किया उसने राजनीतिक गलियारों को हिला कर रख दिया। रिपोर्ट के अनुसार किताब में दावा किया गया है कि भले ही विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 171 सीटों पर चुनाव लड़ा और बीजेपी ने 117 सीटों पर लेकिन इसके बावजूद बीजेपी 2019 में बिना शिवसेना के साथ के सरकार बनाने की ओर देख रही थी।
