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नूपुर शर्मा के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन, गिरफ्तारी की हो रही मांग
नूपुर शर्मा के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन, गिरफ्तारी की हो रही मांग
सीएन, नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी करने वालीं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन हो रहा है. जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और नूपुर शर्मा और बाकी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की. इस दौरान जामा मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जुट गई. हालांकि, पुलिस भी मौके पर तैनात है और लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कहा कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और भाजपा से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल के बयानों के खिलाफ लोगों ने जामा मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन किया. हमने वहां से लोगों को हटा दिया है और स्थिति अब नियंत्रण में है. वहीं, जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि हम नहीं जानते कि विरोध करने वाले कौन हैं, मुझे लगता है कि वे एआईएमआईएम के हैं या ओवैसी के लोग हैं. हमने स्पष्ट कर दिया कि अगर वे विरोध करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं, लेकिन हम उनका समर्थन नहीं करेंगे. दरअसल, बीते दिनों नूपुर शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग मसले पर एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर विवादास्पाद टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के बाद न केवल उनकी आलोचना हुई, बल्कि भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया. हालांकि, नूपुर शर्मा को इस टिप्पणी के बाद जान से मारने की धमकी भी मिली, जिसकी शिकायत पुलिस में की गई और एफआईआर दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई. यहां बताना जरूरी है कि नूपुर शर्मा पर दिल्ली पुलिस ने भी एक्शन लिया है. दिल्ली पुलिस ने नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा समेत 31 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की है और ओवैसी का ना भी शामिल है. इतना ही नहीं, दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के पूर्व प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, पत्रकार सबा नकवी और अन्य भी शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की मानें तो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 295 (किसी भी धर्म के अपमान के इरादे से प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. प्राथमिकी के मुताबिक, इसमें 31 लोग नामज़द हैं. वे जानबूझकर या इसकी जानकारी होने के बावजूद नफरती भाषा का उपयोग कर रहे थे कि इस प्रकार की भाषा का उपयोग और दावा न केवल भेदभावपूर्ण है बल्कि विभिन्न धर्मों में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता की स्थिति पैदा करने के लिए पर्याप्त से भी अधिक है.