जन मुद्दे
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में युग पुरुष श्री राम जी विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन
सीएन, नैनीताल। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में युग पुरुष श्री राम जी विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह करोना काल में 451 वा वेबिनार था। वैदिक प्रवक्ता अतुल सहगल ने कहा कि वर्तमान मास में चल रहे उत्सव के परिपेक्ष्य में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र चित्रण की उपयुक्तता की बात की, उन्होंने श्री राम को आप्त पुरुष के रूप में उद्बोधित किया। उनके जैसा सर्व गुण संपन्न मानव पृथ्वी पर उनके बाद अभी तक नहीं उत्पन्न हुआ श्री राम के समकालीन ऋषि वाल्मीकि और नारद जी के ऐतिहासिक संवाद के अंतर्गत श्री राम के अनेक गुणों का चित्रण किया। रामायण के विभिन्न कालखंडों में घटित महत्वपूर्ण प्रसंगों को प्रस्तुत किया। इनमें श्रीराम के विभिन्न अवसरों पर वक्तव्य और अन्य उल्लेखनीय घटनाओं की बात करते हुए, श्रीराम के श्रेष्ठतम चरित्र की संक्षिप्त विवेचना की। श्रीराम पूर्णतः सत्यनिष्ठ पुरुष थे और सत्य धर्म का ही पर्याय है। इसलिए वे धर्म के परम रक्षक थे। वे पूर्णतः मर्यादा में बंधे हुए पुरुष थे। मर्यादा के विषय की व्यवहारिक और दर्शानिक विवेचना करते हुए, मर्यादित कर्मों को धर्माचरण की संज्ञा दी। श्रीराम की विनम्रता और सरल स्वभाव उनके आकर्षक व्यक्तित्व को और सुशोभित करते थे। वे त्याग और तपस्या की मूर्ति थे। ऋषि वाल्मीकि के शब्दों में वे अपने सम्पूर्ण कार्य कुशलता से करते हुए ऐसे लगते थे जैसे समाधि और जीवनमुक्त अवस्था में हों। वक्ता ने रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों को प्रस्तुत करते हुए, श्रीराम के पूर्ण धर्मनिष्ठ व्यवहार की चर्चा की। हम उनके जीवन से क्या शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं–इस विषय पर कुछ बिंदु प्रस्तुत किये। श्रीराम ने राष्ट्र के शत्रुओं का नाश किया और यह कृत्य हमारे लिए अनुसरणीय है। हमें भी उनकी तरह सत्य अथवा धर्म को सर्वोपरि रखना चाहिए। अंत में श्रीराम को राष्ट्र पुरुष एवं युग पुरुष घोषित करने के आधारबिंदु सामने रखे। त्रेता युग में जन्मे श्रीराम का चरित्र आज कलयुग में भी पूर्णतः जीवित है और यही उनको युग पुरुष के रूप में प्रतिष्ठित करता है। वक्ता ने यह कहते हुआ अपना उद्बोधन समाप्त किया कि श्रीराम के सम्पूर्ण चरित्र चित्रण के लिए शब्द और वाक्य कम पड़ जाते हैं भावुक और आत्मविभोर हो उठता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज चित्र की नहीं अपितु चरित्र की पूजा करता है हमें श्री राम के गुणों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए I मुख्य अतिथि प्रमोद चौधरी (प्रधान,आर्य समाज वृंदावन गार्डन साहिबाबाद) व अध्यक्ष जगवीर सिंह आर्य ने भी मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम के गुणों की चर्चा की। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने नई पीढ़ी को श्री राम व योगीराज श्री कृष्ण के उज्जवल चरित्र को बताने का आह्वान किया। गायिका प्रवीना ठक्कर, दीप्ति सपरा,कमला हंस, कुसुम भंडारी, रजनी चुग, रजनी गर्ग, ईश्वर देवी, कौशल्या अरोड़ा, जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, रविन्द्र गुप्ता, डॉ. सुदेश चुग आदि के मधुर भजन हुए।