जन मुद्दे
फिर दिखाई दी आसमान में भागती रेल
सीएन, नैनीताल। तथाकथित एलियंस की जानकारी लेने के लिए अपने यार दोस्तों को फोन कर जानकारी लेनी शुरू कर दी। मगर कुछ ही पल बाद अंधेरे आसमान से ये चमकीली बत्तियां अपने मार्ग में आगे गुजर गई और आंखों से ओझल हो गई। भीमताल में लोगों को कुछ इस तरह से दिखा नजाराअसमान में नजर आने वाली हर घटना हमेशा रोमांच से कम नहीं होती है। पिछले सोमवार की रात का पहला पहर शुरू ही हुआ था कि बेहद रोमांचक नजारा सामने था। भीमताल के असमान में चमकती हुई बत्तियां एक दूसरे के साथ आगे बड़ रही थी। यह पंक्तिबद्ध होकर लंबी कतार के साथ आगे बड़ रहे थे। इनकी संख्या लगभग 22 थी। इस घटना ने क्षेत्र में हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। डा शशिभूषण पांडेय वरिष्ठ वैज्ञानिक एरीज, भारतविज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय ने बताया कि स्पेस एक्स की स्टार लिंक सैटेलाइट की संभावना होने से इंकार तो नहीं किया सकता , लेकिन हम इसकी पुष्टि भी नहीं कर सकते। एलोन मस्क अपने स्पेस एक्स एक कंपनी है, जो समय समय पर छोटे आकार के सैटेलाइट लॉन्च करते रहते हैं। आसमान में सूर्य की रोशनी से सफेद चमकीले रंग में ज नजर आते हैं । स्पेसएक्स उपग्रह इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। उपग्रह इंटरनेट एक्सेस कवरेज देता है स्टार लिंकस्टारलिंक एक उपग्रह इंटरनेट समूह है, जो स्पेसएक्स द्वारा संचालित किया जाता है। इसके जरिए उपग्रह इंटरनेट एक्सेस कवरेज प्रदान करता है। इसका उद्देश्य 2023 के बाद उपग्रह व्यक्तिगत संचार सेवा के साथ वैश्विक कवरेज करना भी है। स्पेसएक्स ने 2019 में स्टारलिंक उपग्रहों को लॉन्च करना शुरू किया। सितंबर 2022 तक स्टारलिंक में कम पृथ्वी की कक्षा (एलईओ) में 3,000 से अधिक बड़े पैमाने पर उत्पादित छोटे उपग्रह शामिल हैं, जो निर्दिष्ट ग्राउंड ट्रांसीवर के साथ संचार करते हैं। स्टारलिंक जून 2022 तक 500,000 से अधिक ग्राहकों को इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है। आकाशीय घटना में स्पेस एक्स स्टारलिंक के दर्जनों सैटेलाइट हुए धराशाई छोटे से सौर तूफान ने धराशाई कर दिया था दर्जनों सैटेलाइट छोटासा सौर तूफान भी बड़ी तबाही मचा सकता है। लिहाजा वैज्ञानिकों ने चेताया है कि भू चुम्बकीय सौर तूफानों से सतर्क रहने की सख्त जरूरत है। स्पेस एक्स Starlink के 49 सैटलाइट की लंबी चेन इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । इसी वर्ष 4 फरवरी को मामूली सौर तूफान ने स्टारलिंक के दर्जनों सैटेलाइट को आसमान में धराशाई कर दिया। इस घटना में स्पेस एक्स को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस घटना का शोध के बाद अब खुलासा हो पाया है। निकट भविष्य की बात करें तो अगले कुछ बरस सौर तूफान चरम पर रहने वाले हैं। क्योंकि सोलर मक्सिमम आगे बड़ रहा है। यानी सूर्य तेजी से सक्रिय हो रहा है। जिनसे सौर तूफान भी उतनी ही तेजी से पृथ्वी की दिशा में बड़ेंगे । जिनसे पृथ्वी के ऑर्बिट में विचरते सैटेलाइट इनका शिकार हो सकते हैं ।4 फरवरी के दिन हुई थी घटना, अब हुआ खुलासाचार फरवरी को Starlink के दर्जनों सैटेलाइट का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना एक बड़ी घटना थी। इस घटना के पीछे कारण जानना बेहद जरूरी था। इसका खुलासा करने के लिए चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस घटना को लेकर शोध किया। शोध से पता चला कि सौर तूफान ने इस भीषण घटना को जन्म दिया। दरसल 3 फरवरी को स्पेस एक्स ने स्टारलिंक कार्यक्रम के योजना के तहत दर्जनों सैटेलाइट लॉन्च किए। उसी दौरान एक सौर तुफान पृथ्वी की ओर बड़ रहा था। हालाकि यह तूफान बड़ा नही था। जिस कारण वैज्ञानिक भी अस्वस्त थे, लेकिन सैटेलाइट का पाथ अधिक ऊंचाई पर नही होने के कारण 4 फरवरी को यह घटना घट गई। 4 फरवरी को हुई इस घटना से विशेषज्ञ भी हैरान रह गए थे।Self coveregePhoto: Ramesh Gaida