उत्तराखण्ड
हफ्तेभर की देरी के बाद केरल पहुंचा मानसून, चक्रवात श्बिपारजॉय बना बाधक
हफ्तेभर की देरी के बाद केरल पहुंचा मानसून, चक्रवात श्बिपारजॉय बना बाधक
सीएन, तिरूवनन्तपुरम। मौसम हर पल करवट बदल रहा है। कहीं बारिश की फुहारें पड़ रही हैं तो दूसरी जगहों में गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। लोग बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रहे। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को लोगों को खुशखबरी दी है। दरअसल, हफ्तेभर की देरी के बाद मानसून केरल पहुंच गया है। इससे लोगों को तपती गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों ने पहले जानकारी देते हुए बताया था कि चक्रवात ‘बिपारजॉय’ मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है। इसलिए केरल में इसकी शुरुआत हल्की होगी। हालांकि, आज दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में आ गया है। आईएमडी ने कहा कि मानसून दक्षिण अरब सागर और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप, केरल व दक्षिण तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी सहित कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है। गौरतलब है, आईएमडी ने रविवार को कहा था कि केरल में मानसून के पहुंचने की तारीख से तीन से चार दिन की देरी हो सकती है। सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में एक जून को करीब सात दिनों के मानक विचल के साथ दस्तक देता है। विभाग ने मई के मध्य में कहा था कि यह चार जून तक केरल पहुंच सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को एक बयान में कहा था कि दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के बढ़ने से परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। साथ ही, पछुआ हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है और इन हवाओं की गहराई औसत समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर तक पहुंच गई है। मानसून को केरल तट में टकराने में तीन से चार दिन का समय और लग सकता है।