उत्तराखण्ड
सभी 41 मजदूरों को उत्तराखंड सरकार 1-1 लाख रुपए की राहत राशि देगी
सीएन, उत्तरकाशी। सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया है। अभियान के सफल होने के बाद मुख्यमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सभी 41 मजदूरों को उत्तराखंड सरकार 1-1 लाख रुपए की राहत राशि देगी। इसके साथ ही वह इन मजदूरों की कंपनियों से अनुरोध करेंगे कि इन्हें 15 या 30 दिन के लिए बिना तनख्वाह काटे अवकाश भी दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाग का मंदिर भी स्थपित किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम ने ऐलान किया है कि अब राज्य में जितनी भी टनल निर्माणाधीन हैं और उनकी समीक्षा की जाएगी। हालांकि केंद्र सरकार और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय इसके लिए पहले ही आदेश जारी कर चुका है, लेकिन राज्य सरकार भी अपने स्तर पर इन सभी टनलों की समीक्षा कराएगी। जिससे आगे से ऐसी आपदा का सामना ना करना पड़े। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान के खत्म होने के बाद बताया कि पिछले 17 दिनों से सभी जी-जान से जुटे हुए थे। इस अभियान की सफलता के लिए दुनियाभर के लोग आए और उन्होंने इसमें अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जब ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया तब रैट माइनिंग करने वाली टीम ने मोर्चा संभाला और इस अभियान को सफल बनाया। सीएम ने बताया कि अंदर फंसे सभी मजदूर ठीक हैं और उनका यहीं चेकअप किया गया और इसके बाद उन्हें डॉक्टरों को निगरानी में रखा गया है। अब डॉक्टर जो फैसला लेंगे, उसी के हिसाब से आगे का फैसला किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन पर खुशी जताई है। उन्होंने बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,’ मुझे यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में एक सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है। बचाव कार्य में बाधाओं का सामना करने के कारण 17 दिनों तक की उनकी पीड़ा मानवीय सहनशक्ति का प्रमाण रही है। देश उनके साहस को सलाम करता है। अपने घरों से दूर, बड़ा जोखिम मोल लेते हुए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देश उनका आभारी है।