उत्तराखण्ड
अंकिता हत्याकांड : वनंत्रा रेजॉर्ट के पूर्व कर्मचारियों ने ही रेजॉर्ट की पोल खोलनी शुरू की
ग्राहकों को शराब दोगुने दाम पर बेचना भी आम, ग्राहकों को चरस, स्मैक, गांजे की भी सप्लाई
सीएन, ऋषिकेश। अंकिता भंडारी की हत्या से सुर्खियों में आए वनंत्रा रेजॉर्ट के पूर्व कर्मचारियों ने ही इस रेजॉर्ट की पोल खोलनी शुरू की है। दो महीने पहले रेजॉर्ट का काम छोड़कर गए मेरठ निवासी विवेक और इशिता ने आरोप लगाया कि रेजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य महिला कर्मचारियों पर बुरी नजर रखता था। सैलरी मांगने पर मारपीट और चोरी जैसे आरोप लगाकर नौकरी से निकाल देता था। दंपती ने बताया कि रेजॉर्ट में बाहर से लड़कियां बुलाई जाती थीं, लेकिन उनकी एंट्री दर्ज नहीं होती थी। इन लड़कियों को ग्राहकों के कमरे में भेजा जाता था। खास ग्राहकों की भी रजिस्टर में एंट्री नहीं होती थी। बिना लाइसेंस के शराब स्टॉक कर ग्राहकों को दोगुने दाम पर बेचना भी आम था। ग्राहकों को चरस, स्मैक, गांजे की भी सप्लाई होती थी। इशिता ने बताया कि रेजॉर्ट के कर्मचारियों को पुलकित कहता था कि उसे इशिता पसंद है। एक कर्मचारी ने मुझे यह बताया था। पुलकित मुझे पति विवेक से अलग करना चाहता था। इलाके का पटवारी भी पुलकित से मिला था। एकबार किसी ग्राहक का ब्लूटूथ स्पीकर छूट गया तो पति ने यह सोचकर उसे रख लिया कि ग्राहक के आने पर लौटा देंगे। लेकिन पुलकित ने चोरी का झूठा आरोप लगा दिया। अंकिता का गांव रेजॉर्ट से 150 किलोमीटर दूर था, इसलिए वह रेजॉर्ट के ही एक कमरे में रहती थी। अंकिता रेजॉर्ट छोड़कर जाना चाहती थी। दोस्त पुष्प दीप के साथ उसकी बातचीत के सामने आए ऑडियो से यह पता लगा है। जम्मू में नौकरी करने वाले अपने दोस्त पुष्प को अंकिता ने घटना की रात फोन पर कहा था कि मैं फंस गई हूं। पुष्प ने उससे कहा था कि अगले दिन किसी को भेजकर अंकिता को घर पहुंचवा देगा। बताते हैं, घटना के दिन अंकिता की पुलकित और मैनेजर अंकित गुप्ता के साथ तीखी बहस हुई। अंकिता चीख और रो रही थी। रेजॉर्ट के शेफ समेत सभी कर्मचारी सुन रहे थे, लेकिन कोई भी विरोध नहीं कर सका। आरोपी अंकिता को जबरन गाड़ी में बैठाकर साथ ले गए और बैराज में धक्का दे दिया।
अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने प्रशासन से सवाल पूछा है कि बेटी के अंतिम संस्कार में इतनी जल्दी क्यों की गई? अंतिम संस्कार से पहले मैं बेटी को आखिरी बार देख भी नहीं पाई। तबीयत खराब होने के कारण वह अस्पताल में भर्ती थीं। मां ने पूछा, क्या किसी का अंतिम संस्कार देर शाम को किया जाता है? मां का आरोप है कि प्रशासन ने धोखे में रखकर बिटिया का अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों का आरोप है कि अंकिता के पिता पर प्रशासन ने दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवाया।