उत्तराखण्ड
बाबा केदार की चल विग्रह डोली शीतकालीन प्रवास स्थल से रवाना
ऊखीमठ में भोले बाबा के रक्षक भैरवनाथ की विशेष पूजा एवं आरती संपन्न हुई
सीएन, देहरादून। कल मंगलवार से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके मद्देनजर सोमवार बाबा केदार की चल विग्रह डोली शीत कालीन प्रवास स्थल से रवाना हो गई। पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से भगवान केदारबाबा की पंचमुखी डोली ने सुबह 9.35 बजे केदारनाथ धाम हेतु रवाना हो गई है। जम्मू कश्मीर लाइव इन्फेंट्री रेजीमेंट के जवान अपने बैंड के साथ इस उत्सव में पहुंचे हैं जो कि डोली यात्रा के साथ गंगोत्री तक जाएंगे। वहीं मां यमुना की डोली मंगलवार की सुबह खरसाली से रवाना होगी। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट मंगलवार को खुलने हैं। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के लिए सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना के साथ बाबा केदार की डोली रवाना हो गई। रविवार को पंच शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थित भोले बाबा के रक्षक भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना एवं आरती संपन्न हुई। मंदिर समिति के प्रभारी कार्याधिकारी आरसी तिवारी एवं सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्वाण ने बताया कि सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आर्मी व स्थानीय वाद्य यंत्रों व श्रद्धालुओं की जयकारों के साथ केदारपुरी धाम के लिए रवाना हो गई। डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी। तीन मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा, 4 मई को भगवान की डोली गौरीकुण्ड एवं 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। रविवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्य एवं वेदपाठियों ने देर शाम लगभग सात बजे भैरवनाथ की पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। लगभग दो घंटे तक चली पूजा-अर्चना के बाद बाबा भैरवनाथ की आरती की गई। भैरवनाथ को केदारपुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है तथा लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ केदार पुरी के लिए रवाना होते है।