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अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शनिवार सुबह भूकंप आया, नुकसान की सूचना नहीं

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शनिवार सुबह भूकंप आया, नुकसान की सूचना नहीं
सीएन, ईटानगर।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शनिवार सुबह भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि झटके सुबह 06:56 बजे आए। फिलहाल अभी किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। दो दिन पहले राजस्थान में एक घंटे के भीतर तीन बार भूकंप के झटके लगे थे। तीनों पर अलग-अलग तीव्रता के झटके आए थे। लोग उस वक्त सो रहे थे। महसूस होने से उनकी नींद खुली थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, पहली बार 4.4, दूसरी बार 3.1 और तीसरी बार 3.4 तीव्रता के झटके लगे थे। पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकराती और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। ऐसे में नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्‍ता खोजती है और जब इससे डिस्‍टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है।
उत्तराखंड : बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं
भूकंप कब और कहां आ जाये इसकी भविष्यवाणी नही की जा सकती है। लेकिन भारत के हिमालयी राज्य भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील है। ऐसा अध्ययन से पता चलता है। उत्तराखंड भी ऐसे ही राज्यों में शुमार है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के वैज्ञानिकों के मुताबिक उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां हर साल टेक्टॉनिक प्लेट के 18 मिमि तक खिसकने से ऊर्जा भूमि के अंदर संचित हो रही है। बता दें कि केदारघाटी प्राकृतिक आपदा के चलते यह क्षेत्र पहले से अति संवेदनशील श्रेणी में शामिल है। वर्ष 1991 में उत्तरकाशी और 1999 में चमोली में आए भूकंप का प्रभाव इस क्षेत्र में पड़ा है। साथ ही वर्ष 2017 में काकलीमठ घाटी में भी भूकंप से जमीन के अंदर काफी दरारें पड़ी थी। उत्तराखंड में बड़े भूकंप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। भौगोलिक स्तर पर हो रहे परिवर्तन से यह खतरा बना हुआ है। भूमि के अंदर हो रही लगातार हलचल के अध्ययन के लिए रौडू में जीपीएस स्थापित करने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है। इस उपकरण की मदद से भूमि के अंदर की हलचल की माप मिलेगी, साथ ही भूकंप की संभावनाओं के अध्ययन में भी मदद मिलेगी।

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