उत्तराखण्ड
हरीश के धरना दिए जाने की चेतावनी के बाद हरिद्वार कांग्रेस की राजनीति में भूचाल
सीएन, देहरादून। सीएम हरीश रावत के धरना दिए जाने की चेतावनी के बाद हरिद्वार कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आ गया है। रावत की चेतावनी के बाद दिन भर उनके समर्थक बेचैन नजर आए। वहीं जानकारी मिलने के बाद कई नेता और कार्यकर्ता देहरादून रवाना हो गए थे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। एक खेमे से जुड़े नेता लगातार पूर्व सीएम पर हमला कर रहे हैं।
इससे नाराज होकर हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी दी है। पूर्व सीएम हरीश रावत के तल्ख तेवरों से हरिद्वार में भी हलचल तेज हो गई है। इसकी एक बड़ी वजह हरिद्वार से उन्हें राजनैतिक संजीवनी मिलना है। अल्मोड़ा लोकसभा से लगातार हार मिलने के बाद वर्ष 2009 में हरिद्वार की जनता ने उन्हें फिर से संसद भेजा।
जिसके बाद केंद्र सरकार में उन्हें राज्यमंत्री फिर केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी से नवाजा गया था। हरीश रावत के सांसद बनने के बाद दूसरा धड़ा सक्रिय हो गया। तब उनकी पत्नी ने 2014 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गईं। इस दौरान भितरघात को लेकर काफी हल्ला हुआ था। तीन साल बाद लोकसभा चुनाव में वह हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव हार गए।
इसके बाद से यहां कांग्रेस दो गुटों में बंटती चली गई। हर चुनाव में टिकट को लेकर पार्टी में घमासान होता रहा। इसी का नतीजा रहा कि यहां कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। गुटबाजी के बाद भी इस बार हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी 37 हजार वोट पाने में कामयाब रहे।