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उत्तराखण्ड

लेक डिस्ट्रिक्ट नैनीताल अब देश में बर्ड वाचिंग के लिए भी हुआ प्रसिद्ध


नैनीताल, सातताल, भीमताल, रामगढ़ में पक्षियों के दीदार को पहुंच रहे सैलानी
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल।
कुमाऊं का नैनीताल जिला पूरे देश में लेक डिस्ट्रिक्ट के तौर पर विख्यात है। अब नैनीताल देश में हिमालयन बर्ड के लिए भी प्रसिद्ध हो गया है। जिले में नैना देवी कंजर्वेशन बर्ड रिजर्व पंगूट नैनीताल, सातताल, नौकुचियाताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़ क्षेत्रों में हर साल बड़ी संख्या में पक्षियों के दीदार के लिए सैलानी पहुंचते है। नैनीताल में इन दिनों पक्षियों के शौकीन हिमालयन बर्ड को देखने के लिए पहुंच रहे है। सातताल रंग बिरंगे पक्षियों का केंद्र बिंदु है। सर्दियों में उच्च हिमालयन बर्ड भी निचले इलाकों का रुख कर लेती है। सातताल, पंगोट, नौकुचियाताल, चाफी इलाका इन पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। बर्ड फोटोग्राफर की माने तो सर्दियों के समय रामगढ़, मुक्तेश्वर क्षेत्र में भी कई प्रजातियां दिखाई देती है। सर्दियों के समय जब उच्च हिमालय में बर्फबारी ज्यादा हो जाती है। यह पक्षी निचले इलाकों में आ जाते है। बर्ड फोटोग्राफर अरविंद सुयाल कहते है कि नैनीताल जिले में पक्षियों का अलग ही संसार बसता है और इस संसार को देखने के लिए दुनिया भर से पक्षी प्रेमी आते है। पूरे उत्तराखंड करीब 700 प्रजातियां पाई जाती है। नैनीताल में कुछ प्रजातियां विलुप्त और बहुत कम हो गई है। इसमें चीर फिजेन्ट, ग्रन्डल्स, वाइट थ्रोअटेड टिट और ऑरेंज बुल फिंच जैसी पक्षियों की प्रजातियों को देखने के लिए बर्ड वॉचर आते है। स्थानीय निवासी विक्रम बिष्ट बताते है कि सातताल की तरह चाफी में भी पक्षियों की एक दुनिया बसती है।
नैनीताल का नैना देवी बर्ड रिजर्व प्रदेश का पहला पक्षी विहार
नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल में 2015 में घोषित नैनीताल से आठ किमी दूर नैना देवी कंजर्वेशन बर्ड रिजर्व पंगूट नैनीताल प्रदेश का पहला पक्षी विहार है। पंगूट से लेकर कार्बेट पार्क तक के सटे गांवों तक इस रिजर्व की सीमा तय की गई है। जबकि सातताल में स्टूडियो पाइंट व उसके आसपास की सीमा तय की गई है। मालूम हो कि नैना देवी कंजर्वेशन बर्ड रिजर्व शीतोष्ण जोन में स्थापित पक्षी विहार का क्षेत्रफल 11191.90 हेक्टेयर में फैला हुआ हैं। नैनीताल में अब तक वन विभाग द्वारा उच्च स्थनीय चिड़ियाघर बाॅटनिकल गार्डन, सड़ियाताल झरना, किलबरी, कुंजखरक व गांगीखरक डाक बंगले पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र थे। अब नैना देवी कंजर्वेशन बर्ड रिजर्व भी पक्षी प्रमियों का केन्द्र बन गया है। 11191.90 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस पक्षी विहार में वन विभाग के 12 ब्लाक शामिल हैं।
रेड हैडेड ब्लचर व ग्रेड स्पौटेट ईगल हैं आकर्षण का केन्द्र
नैनीताल।
वन विभाग ने नैना देवी कंजर्वेशन बर्ड रिजर्व व सातताल में क्षेत्र में लगभग 200 प्रजातियों के पक्षी होने का दावा किया है। इस क्षेत्र मेें मुख्य रूप से चीर फीजेंट, रेड हैडेड ब्लचर, ग्रेड स्पौटेट ईगल, ईस्टर्न इम्प्रीयल, ग्रे क्राउन प्रिरीनिया, ब्लैक क्रिस्टेड टिट, ग्रीन क्राउन वाबलर पाए जाते हैं। इस पक्षी विहार में भालू, बाघ, चीतल, घुरड़, काकड़ व अन्य वन्य जीव भी विचरण करते हैं। यहां खास बात यह भी है कि इस पक्षी विहार में ओक की लगभग छह प्रजातियां पाई गई है। यहां के सदाबहार घने वन में पक्षी विचरण करते हैं। यहीं नही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए अंग्रेजी शासनकाल में बने किलबरी, विनायक, कुंजखरक व गांगीखरक तथा सातताल में भी डाक बंगले भी उपलब्ध हैं। इस तरह यह क्षेत्र पर्यटकों की आमद के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

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