उत्तराखण्ड
अब फिर सुर्खियों में हैं आईएएस डा. अशोक खेमका
सीएन, चंडीगढ़। अपने ट्वीट और टिप्पणियों के कारण चर्चाओं में रहने वाले हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी डा. अशोक खेमका फिर सुर्खियों में हैं। खेमका ने जनप्रतिनिधियों को हर कार्यकाल के लिए अलग पेंशन दिए जाने पर सवाल उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा लिए फैसले की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है कि क्या दूसरे प्रदेशों के विधानमंडल और संसद भी इसका अनुसरण करेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक दिन पहले ही घोषणा की है कि प्रदेश में पूर्व विधायकाें को सिर्फ एक कार्यकाल की पेंशन मिलेगी। इस तरह विधायकाें को प्रत्येक कार्यकाल के लिए अलग पेंशन देने की प्रथा खत्म की जाएगी।
हरियाणा के विज्ञान और तकनीकी तथा मत्स्य पालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका ने ट्वीट में कहा कि क्या दूसरे राज्य भी अपने विधायकों और केंद्र सरकार सांसदों के लिए ऐसा कदम उठाने की हिम्मत दिखाएंगे।
लोकपाल की कार्यप्रणाली को लेकर पूर्व में कई बार सवाल उठा चुके खेमका ने हाल ही में एक और ट्वीट करते हुए कहा था कि आश्चर्यजनक रूप से देश का लोकपाल तीन वर्षों में एक भी केस को सिरे चढ़ाने में विफल रहा है। क्या लोकपाल इस खराब प्रदर्शन के लिए जवाबदेह नहीं हैं? सेवानिवृत्ति के बाद की चैन की नौकरी में जनता का करोड़ों रुपये नाले में चला जाता है।
खेमका वर्ष 1991 बैच के आइएएस अफसर हैं जिनका कार्यकाल 30 अप्रैल 2025 तक है। अफसरशाही और सियासी गलियारों में आम आदमी पार्टी से उनकी बढ़ती नजदीकियों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि खेमका साफ कर चुके हैं कि अभी उनका ऐसा कोई विचार नहीं है और अगर राजनीति में आएंगे भी तो सरकारी सेवा को छोड़कर। खेमका के ताजा ट्वीट को आम आदमी पार्टी के प्रति बढ़ते प्रेम से जोड़कर देखा जा रहा है।
पूर्व विधायकों के पेंशन-भत्तों पर हर महीने खर्च होते 24 करोड़
हरियाणा में पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्तों पर हर महीने सरकारी खजाने से करीब 24 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव को 2.38 लाख रुपये पेंशन में मिलते हैं जो प्रदेश में सर्वाधिक है।
हरियाणा में पिछले पांच साल में पूर्व विधायकों के पेंशन और भत्तों में 200 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह और पूर्व विधायक बलबीर पाल शाह को भी हर महीने दो लाख रुपये से अधिक पेंशन मिलती है, जबकि डेढ़ दर्जन पूर्व विधायक ऐसे हैं जो हर महीने एक लाख रुपये अधिक पेंशन ले रहे हैं।