उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : सरकार ने विधायकों पर जमकर जनता की कमाई लुटाने में कोई कसर नही छोड़ी
विधायकों की बल्ले-बल्ले : कैशलेस इलाज, 40 हजार का ट्रेन कूपन, पेट्रोल के लिए हर महिने 30 हजार अलग
सीएन, गैरसैंण। उत्तराखंड में आम लोग मंहगाई, बेरोजगारी से त्रस्त जरूर है लेकिन सरकार ने जनता द्वारा चुने गये विधायकों पर जमकर जनता की कमाई लुटाने में कोई कसर नही छोड़ी है। सरकार विधायकों के भत्ते और चिकित्सा सुविधाएं बढ़ने जा रही हैं। विधायक, पूर्व विधायक और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने की तैयारी है। उन्हें सरकारी खर्च पर विदेश में इलाज की सुविधा भी मिलेगी। इतना ही नहीं, इसके अलावा 40 हजार के रेलवे के कूपन और पेट्रोल के लिए 30 हजार रुपये हर महीने नकद मिलेंगे। इसमें विधायकों की कुछ सुविधाएं बढ़ाने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट एक अप्रैल 2022 से लागू होगी। इसमें प्रावधान किया गया है कि विधानसभा के वर्तमान अथवा पूर्व सदस्य एम्स की संस्तुति पर विदेश में उपचार करा सकेंगे।इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के समान कैशलेस उपचार यानि गोल्डन कार्ड की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत उन्हें प्रदेश के बड़े अस्पतालों, दिल्ली के फोर्टिस, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर, एम्स दिल्ली में भी उपचार सुविधा मिलेगी। स्वयं उपचार कराने पर चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति की सुविधा बहाल रहेगी। तदर्थ समिति ने कई राज्यों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट दी थी। इसमें बढ़ती महंगाई को आधार बनाते हुए विभिन्न श्रेणियों में वेतन-भत्ते व अन्य सुविधाएं बढ़ाने की संस्तुति की। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार समिति की व्यवहारिक संस्तुतियों को ही स्वीकार किया गया। कई सिफारिशों को निरस्त कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार तदर्थ समिति की रिपोर्ट में विधायकों के कुछ भत्तों को संशोधित भी किया गया है। इनमें तीस हजार रुपये तक का इजाफा किया गया है। 30 हजार रुपये तक प्रतिमाह की सीमा तक डीजल.पेट्रोल खर्च के लिए नकद मिलेंगे। विधायकों की सुविधाओं में संशोधन के लिए विधानसभा की तदर्थ समिति ने कुछ संस्तुतियां की थी। इनमें से कुछ को स्वीकार करते हुए रिपोर्ट को सदन में रख दिया गया है। अब इसका एक्ट बनाया जाएगा। मालूम हो कि अभी तक विधायकों काे वेतन भत्ते के रूप में प्रतिमाह लगभग 2.90 लाख रुपये मिलते हैं। यद्यपि यह सदन पर निर्भर करेगा कि वह तदर्थ समिति की संस्तुतियों को किस सीमा तक स्वीकार करता है।