उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : प्रदेश की पंचायतों का कार्यकाल इस सप्ताह हो जाएगा समाप्त, नहीं हो पाया परिसीमन
उत्तराखंड : प्रदेश की पंचायतों का कार्यकाल इस सप्ताह हो जाएगा समाप्त, नहीं हो पाया परिसीमन
सीएन, देहरादून। देश में पंचायतों का कार्यकाल अगले महीने 27 नवंबर को खत्म हो रहा है लेकिन इस साल चुनाव नहीं होंगे वहीं पंचायतों का कार्यकाल भी नहीं बढ़ेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर शासन से 20 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी थी। पंचायत निदेशालय की ओर से शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए विभाग की ओर से हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन किया गया। प्रदेश की पंचायतों का कार्यकाल इस सप्ताह समाप्त हो जाएगा लेकिन परिसीमन अब तक पूरा नहीं हुआ। यह हाल तब है जबकि पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार ने जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर परिसीमन पूरा करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के चुनाव होने हैं, हालांकि उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की ओर से पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग की जा रही हैं। संगठन मांग को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलनरत है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत पंचायतों का कार्यकाल एक दिन भी नहीं बढ़ाया जा सकता।
ऐसे में 7700 से अधिक ग्राम पंचायतों का कार्यकाल इस सप्ताह 27 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। जबकि इसके बाद क्षेत्र और जिला पंचायतों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। नियमानुसार पंचायतों के चुनाव से पहले उनका परिसीमन होना है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अधिकतर जिलों में परिसीमन हो गया है, लेकिन चमोली, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में यह काम अब भी अधूरा है। सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार ने 11 नवंबर को चमोली, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर परिसीमन पूरा करने के निर्देश दिए थे, सचिव का कहना था कि इन जिलों के कुछ क्षेत्रों में काम होना है, लेकिन सचिव के निर्देश के 10 दिन बाद भी परिसीमन पूरा नहीं हुआ। मालूम हो कि परिसीमन के बाद प्रदेश की ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई है। जबकि ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या 59,219 से बढ़कर 59,357 हो गई। जिला पंचायतों की सीटें भी 385 से बढ़कर 389 हो गई हैं। हालांकि क्षेत्र पंचायतों की संख्या 3,162 से घटकर 3,157 रह गई है। इसका कारण शहरी विकास विभाग द्वारा कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्रों से बाहर किया जाना और कुछ निकायों का विस्तार होना है।