उत्तर प्रदेश
नव नियुक्त लेखपाल को डीएम से नाश्ता मांगना पड़ा महंगा, नौकरी से भी बाहर होगा
नव नियुक्त लेखपाल को डीएम से नाश्ता मांगना पड़ा महंगा, नौकरी से भी बाहर होगा
सीएन, बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक लेखपाल को नाश्ता मांगना महंगा पड़ गया। लेखपाल को नियुक्ति पत्र मिले कुछ ही समय हुआ था कि एसडीएम ने उनकी बर्खास्तगी का नोटिस दे दिया। दरअसल, हुआ यूं कि अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में 110 नवनियुक्त लेखपालों को नियुक्ति पत्र दिया गया। मौके पर डीएम मनोज कुमार और केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा मौजूद थे। नियुक्ति पत्र बांटने के बाद अधिकारी और जनप्रतिनिधि वहीं पर नाश्ता करने लगे। इस दौरान एक नवनियुक्त लेखपाल महेंद्र सिंह, डीएम और केंद्रीय मंत्री के पास पहुंचे और कहा कि सभी लेखपाल भूखे बैठे हैं और आप लोग नाश्ता कर रहे हैं। ये पक्षपात है। लेखपाल ने कहा कि आप लोग निष्पक्ष रहने की बात करते हैं और खुद निष्पक्ष नहीं हैं। इसपर डीएम ने लेखपाल को अनुशासन में रहने को कहा। उन्होंने महेंद्र सिंह को बाकी लेखपालों के साथ बैठने को कहा। डीएम ने लेखपाल से कहा कि उनका नाश्ता उनकी सीट पर पहुंच जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लेखपाल इसके बावजूद भी वहीं खड़े रहे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और अधिकारी वहां से उठकर चले गए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री थोड़ी देर तक डीएम के ऑफिस में बैठे रहे। घटना 10 जुलाई की है। इसी दिन शाम के 5 बजे एसडीएम ने एक नोटिस जारी किया। इसके अनुसार अगर 2 दिनों के भीतर लेखपाल महेंद्र सिंह संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। एसडीएम के नोटिस में लिखा है कि मंत्री और डीएम आपस में बात कर रहे थे। तब लेखपाल ने डाइस पर पहुंचकर प्रोटोकॉल को तोड़ा। इससे लेखपाल ने अनुशासनहीनता का परिचय दिया। नोटिस में इसे आपत्तिजनक बताया गया है। महेंद्र सिंह को दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया। नोटिस के अनुसार अगर लेखपाल ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी सेवा को समाप्त करने पर विचार किया जाएगा। खबर लिखे जाने तक इस मामले पर लेखपाल का पक्ष सामने नहीं आया है।