उत्तर प्रदेश
पति ने खेत बेचे फिर मजदूरी कर पढ़ाया, पत्नी ने लेखपाल बनते ही छोड़ दिया साथ
पति ने खेत बेचे फिर मजदूरी कर पढ़ाया, पत्नी ने लेखपाल बनते ही छोड़ दिया साथ
सीएन, बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से भी ज्योति मौर्या जैसा मामला सामने आया है। यहां एक शख्स पत्नी को लेखपाल बनाने के बाद उससे हाथ धो बैठा। पति का आरोप है कि लेखपाल की नौकरी हासिल करने के बाद पत्नी ने उससे सभी संबंध खत्म कर लिए। जिसके बाद से पत्नी ने पति के खिलाफ कोर्ट में तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया। हालांकि जज ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए खारिज करने का फैसला सुना दिया। वहीं पीड़ित पति अभी भी पत्नी से साथ रहने के लिये मिन्नतें करने में लगा है। मगर पत्नी किसी भी कीमत पर वापस आने के लिए तैयार नहीं है. पति का आरोप है कि उसके किसी दूसरे लेखपाल युवक से संबंध हो गए हैं और दोनों ने इंगेजमेंट भी कर ली है। अब वह उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। पूरा मामला बाराबंकी जिले में थाना सतरिख क्षेत्र के ग्राम मोहम्मदपुर मजरे गाल्हामऊ से जुड़ा है। यहां के निवासी अमरीश रावत का विवाह जिले में ही थाना जैदपुर के ग्राम याकूतगंज निवासी रामचरन की बेटी दीपिका के साथ 20 फरवरी 2009 को हुआ था। शादी के बाद सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था। 2010 में दोनों की एक बेटी पैदा हुई, जिसका नाम नंदिता है। पत्नी दीपिका इंटर पास होकर ससुराल आई थी। उसने आगे और पढ़ने की बात कही, तो पति अमरीश ने उसकी इच्छा का सम्मान किया। अब अमरीश ने दीपिका की पढ़ाई के लिए दिन-रात मेहनत करना शुरू कर दिया। उसे आर्थिक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। इससे निपटने के लिए उसने एक-एक पैसा जोड़ा और उसे अपना खेत भी बेचना पड़ा। जिसके बाद उसका सेलेक्शन लेखपाल पद पर हो गया। फिर क्या था लेखपाल बनते ही दीपिका के तेवर एकदम बदल गए। इसके कुछ माह बाद वह अपनी आठ साल बच्ची को लेकर मायके चली गई। फिर उसने पति अमरीश व उसके परिवार के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया और पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोर्ट में तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया। हालांकि पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए खारिज कर दिया है। पति का आरोप है कि दीपिका का संबंध किसी कौशल पाल मिश्रा नाम के लेखपाल से हो गए हैं। अब वह उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। मालूम हो कि पति अमरीश रावत के मुताबित उसकी मां की मृत्यु वर्ष 2011 में हो गई थी। लेकिन फिर भी उसने कभी दीपिका पर घर-ग्रहस्थी संभालने के लिए जोर नहीं डाला। उसने दीपिका की पढ़ाई जारी रखी और उसका ग्रेजुएशन पूरा कराय। फिर उसे एमए और बीएड भी कराया। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग में एडमिशन करवा दिया। अमरीश ने बताया कि वह दीपिका को कोचिंग लाने और ले जाने के साथ ही दूसरी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी लगातार निभाता रहा। कोचिंग कराकर पत्नी को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई। इसके बाद साल 2018 दीपिका का सेलेक्सन लेखपाल पद पर हो गया। दीपिका को बस्ती जिले के हरैया तहसील में मिली। अमरीश ने आरोप लगाया कि किसी कौशल पाल मिश्रा नाम के लेखपाल ने फोन पर उसे बताया कि उसने दीपिका के साथ इंगेजमेंट कर ली है। अब कौशल पाल फोन करके उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। पति के मुताबिक उसने दीपिका से साथ रहने और पारिवारिक जीवन के साथ गृहस्थी को बचाने के लिए कई बार मिन्नत भी की। दीपिका के परिवार से भी मिला. लेकिन उसकी सारी कोशिशें बेकार हो गईं. यहां तक कि उसे अपनी पुत्री से भी मिलने नहीं दिया गया। हालांकि अमरीश ने पारिवारिक कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया है। उसका कहना है कि अब उसे कुछ उम्मीद मिली है। अमरीश के पिता हरिनाथ ने भी बताया कि उन्होंने बहू की पढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब उनके साथ बहू ने ऐसा कर दिया। वहीं अमरीश रावत के वकील महेंद्र पाठक ने बताया कि कोर्ट ने क्रुएलिटी के बेस पर किए गए दीपिका के तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए खारिज कर दिया। वकील के मुताबिक अमरीश ने सेक्शन-9 के तहत दीपिका को वापस बुलवाने के लिए मुकदमा दायर किया है, जो विचाराधीन है।
