मौसम
पहाड़ों में बादल फटने की चेतावनी, भारी बारिश की चेतावनी, सावधान रहें चारधाम यात्री
पहाड़ों में बादल फटने की चेतावनी, भारी बारिश की चेतावनी, सावधान रहें चारधाम यात्री
नईदिल्ली/नैनीताल। कई राज्यों में मानसून के प्रवेश के साथ गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी इलाकों में अगले तीन दिनों तक बादल फटने जैसी बड़ी घटनाएं होने का अनुमान लगाया गया है। इसी को देखते हुए मौसम विभाग में पहाड़ों पर रह रहे लोगों को सचेत रहने के लिए कहा है। असम और महाराष्ट्र की तर्ज पर ही उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम लगातार अपडेट ले रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जिन राज्यों में एनडीआरएफ या अन्य एजेंसियों की मदद की जरूरत पड़ रही है वहां पर इनको तैनात किया जा रहा है। मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए अनुमान के मुताबिक, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिन जबरदस्त बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार पहाड़ों में जिस तरीके की हालात बने हैं, उसको लेकर पहले से ही आगाह किया जा चुका है। हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू में भारी बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड और कुछ इलाकों बादल फटने की भी जानकारियां सामने आई है। हालातों के चलते चंडीगढ़ मनाली हाईवे पूरी तरीके से बंद हो गया है कालका शिमला रेल मार्ग कोठी मौसम की बदहाली के चलते बंद किया गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पहाड़ों के तलहटी में बसे हुए शहरों में भी बाढ़ और बारिश से होने वाले नुकसान का बड़ा खतरा बरकरार है। इसी के साथ मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और गुजरात के कच्छ इलाके पर चक्रवाती परिसंचरण की वजह से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश के लगातार बने रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उत्तर भारत से लेकर नार्थ ईस्ट और महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी नजर बनी हुई है। असम में आई बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बी सरमा ने गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत कर राज्य के हालातों के बारे में चर्चा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक गृहमंत्री ने राज्य के हालातों पर नजर रखने और जरूरत के मुताबिक सभी उपायों को करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश और उससे बचाव को लेकर निगरानी करने तुरंत मदद पहुंचाने के लिए राज्य से संपर्क करने के लिए टीम का गठन किया है।
मौसम का अपडेट लिए बिना नहीं आएं चारधाम के तीर्थयात्री
मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए बताया कि केदारनाथ-बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री आने वाले 30 यात्रियों के लिए बड़ा अपडेट है। तीर्थयात्री अगर लापरवाही बरतते हैं तो उनके लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है इसीलिए यात्रा पर आने से पहले मौसम पूर्वानुमान पर अपडेट लेकर ही आएं। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई प्रदेशों से भारी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड में मॉनसून के आने से भारी बारिश हो रही है और हर तरफ हालात खराब नजर आ रहे हैं। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को यात्रा मौसम का अपडेट लेकर ही आने की सलाह दी जा रही है। मौसम विभाग में उत्तराखंड की 8 जिलों नैनीताल चंपावत टिहरी पौड़ी देहरादून हरिद्वार बागेश्वर और पिथौरागढ़ भारी से भारी बारिश होने की आशंका जताई है। मौसम निदेशक डॉ विक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में 30 जून तक भारी बारिश होने की संभावना है। लोगों से अपील की जा रही है कि यात्रा करने से बचें। नदी नालों के किनारे पर जाने से परहेज करें पोस्ट ऑफिस के साथी सभी जिलों में आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन को अलर्ट पर रहने के लिए निर्देशित किया गया है। उत्तराखंड में बारिश के कारण हालात खराब हो रहे हैं। बरसात के चलते हाईवे सहित कई सड़कें बंद हैं। जिसकी वजह से अलग-अलग स्थानों पर 350 यात्री फंसे हुए हैं। आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन होने के कारण लिपुलेख-तवाघाट में भी मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। 72 घंटे से यह एनएच पहले ही लामारी में बंद चल रहा था। आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर लौट रहे 160 से अधिक यात्री गूंजी के पास और धारचूला यात्रा पर जाने वाले 200 से अधिक यात्री होटलों में फंसे हुए हैं। मौसम विभाग की उच्च हिमालई क्षेत्रों के लिए भारी बारिश, आंधी की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने 30 जून तक इधर लाइन पास जारी करने पर रोक लगा दी है। एसडीएम धारचूला दिवेश शाशनी का कहना है कि आदि कैलाश, ओम पर्वत और पंचाचूली बेस कैंप की यात्रा पर जाने वाले वालों को 30 जून तक इनर लाइन पास जारी नहीं किए जाएंगे। इन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को भी भूस्खलन और बोल्डर गिरने के खतरे को देखते हुए आवाजाही नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण नदी उफान पर आ गई है। गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से साहसिक खेलों पर रोक लगाई गई है।