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चंद्रयान-3: पहली चुनौती में खरा उतरा प्रज्ञान रोवर, 100 मी गड्ढा पार किया
चंद्रयान-3: पहली चुनौती में खरा उतरा प्रज्ञान रोवर, 100 मी गड्ढा पार किया
बेंगलुरु/नई दिल्ली। चंद्रयान.3 का प्रज्ञान रोवर पहली चुनौती से निपटने में सफल रहा। उसके सामने चांद की सतह पर 100 मी का क्रेटर आया। प्रज्ञान ने बड़ी सावधानी से उसे पार किया और कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली। अभी प्रज्ञान रोवर को ऐसी कई चुनौतियों से निपटना है। हमारे सहयोगी द टाइम्स ऑफ इंडिया ने चंद्रयान.3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पी वीरमुथुवेल से खास बातचीत की। यह चांद पर लैंडर विक्रम की सटीक लैंडिंग और रोवर की तैनाती के बाद उनका पहला डीटेल्ड इंटरव्यू है। वीरमुथुवेल ने टीओआई को बताया कि अभी तक के साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स से अच्छे नतीजों की उम्मीद का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा इसरो के सैकड़ों सहयोगियों के अथक प्रयास के बिना इसमें से कुछ भी संभव नहीं होता। खासतौर से नेविगेशन.गाइडेंस.एंड.कंट्रोल, प्रपल्शन, सेंसर्स और सभी मेनफ्रेम सबसिस्टम्स के सहयोगियों के बिना। वीरमुथुवेल ने कहा कि प्रज्ञान के मूवमेंट पूरी तरह ऑटोमेटिक नहीं थे। उन्होंने कहा कि उसके सामने कई चुनौतियां हैं जिनमें से हर एक को ग्राउंड टीमों की भागीदारी के साथ दूर करना होगा। इसरो पहले ही कई रोवर मूवमेंट कर चुका है। वीरमुथुवेल ने कहा कि यह ;प्रज्ञान किसी बड़े रोवर जैसा नहीं है। सीमित संसाधनों के भीतर हमने मिनिएचर सिस्टम स्थापित किए हैं जो अत्याधुनिक हैं।