अंतरराष्ट्रीय
ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भुखमरी लिस्ट में भारत पाकिस्तान-नेपाल से पीछे, सरकार बोली गलत
ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भुखमरी लिस्ट में भारत पाकिस्तान-नेपाल से पीछे, सरकार बोली गलत
सीएन, नईदिल्ली। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2023 की सालाना रिपोर्ट आ गई है। भारत 125 देशों में 111वें नंबर पर है। भारत को 28.7 स्कोर के साथ भुखमरी के मामले में गंभीर स्थिति वाला देश बताया गया है। साल 2023 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट गुरुवार 12 अक्टूबर को जारी की गई। रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति उससे बेहतर दिखाई गई है। हंगर इंडेक्स की लिस्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है। देखा जाए तो पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर है। तालिबान शासित अफगानिस्तान सूची में 114 वें स्थान पर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुपोषण की दर बढ़कर 16.6 फीसदी हो गई है और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर बाल मृत्युदर 3.1 फीसदी। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15 से 24 साल की महिलाओं में एनीमिया की दर बढ़कर 58.त्र1 फीसदी पहुंच गई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिग में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। भारत पिछले साल से चार पायदान नीचे गिरा है। 2022 में भारत 121 देशों की लिस्ट में 107 वें स्थान पर रहा था। इससे पहले 2021 में भारत को 101वीं रैंक आई थी।
भारत सरकार ने कहा ये तो फर्जी आंकड़े हैं
भारत सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट को गलत और भ्रामक बताया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत की सही और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ये देश की छवि को खराब करने का प्रयास है। केंद्र सरकार के मुताबिक इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और ये देश की पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वहीं चौथा और सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर . आबादी में कुपोषितों का अनुपात ओपिनियन पोल पर आधारित है। सरकार का कहना है कि इतने बड़े देश में ये ओपिनियन पोल महज 3000 नमूनों के आधार पर कर लिया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े तीनों इंडिकेटर्स पर अपना पक्ष रखा है। हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 18.7 प्रतिशत है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। ये देश में अति कुपोषण को दर्शाती है। इसपर मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार के पोषण ट्रैकर पर हर महीने के आंकड़ों को अगर देखें तो देश में चाइल्ड वेस्टिंग की दर लगातार 7.2 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। ऐसे में ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 18.7 प्रतिशत दिखाना गलत है। चाइल्ड वेस्टिंग यानी बच्चे का अपनी उम्र के हिसाब से बहुत दुबला या कमजोर होना। चाइल्ड वेस्टिंग की श्रेणी में वो बच्चे आते हैं जिनका वजन पर्याप्त रूप से बढ़ नहीं पाता है। इसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चे लिए जाते हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में चाइल्ड वेस्टिंग के अलावा चाइल्ड स्टंटिंग भी एक इंडिकेटर है। चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब होता है कि उम्र के हिसाब से बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ना। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि चाइल्ड स्टंटिंग और चाइल्ड वेस्टिंग दोनों कई पहलुओं के जटिल मेल पर निर्भर करते हैं। उसके मुताबिक ये दोनों केवल भूख या पर्याप्त भोजन न मिलने पर पर निर्भर नहीं करते। भूख के अलावा ये इंडिकेटर्स स्वच्छता, अनुवांशिक कारणों, पर्यावरण और खाद्य सामग्री पर भी निर्भर करते हैं। मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में बच्चों से जुड़े तीसरे इंडिकेटर बाल मृत्युदर पर भी सवाल उठाए हैं। कहा है कि हंगर इंडेक्स में ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है जिससे ये साबित हो कि बाल मृत्युदर केवल भूख से ही जुड़ी हुई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स। इसके हर साल ताज़ा आंकड़ें आते हैं। दुनिया भर में भुखमरी से संबंधित चल रहे अभियानों की उपलब्धि और नाकामी का आंकलन किया जाता है। इसकी रिपोर्ट तैयार करती हैं दो संस्थाएं आयरलैंड की कंसर्न वर्ल्ड वाइड और जर्मनी की वेल्ट हंगर हाईलाइफ़। किसी भी आंकलन के लिए लगता है एक नंबर। इस रिपोर्ट के संबंध में जो नंबर होता है, वो है स्कोर अर्थात ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर। स्कोर चार पैमानों पर तय होता है। पहला अंडरनरिशमेंट यानी एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर के लिए जरूरी कैलोरी नहीं मिलना और साफ़ कहें तो भरपेट खाना न मिलना। दूसरा वेस्टिंग, तीसरा स्टंटिंग और चौथा पांच साल के कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर बाल मृत्युदर। इसमें 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है। ज़्यादा मतलब उस देश में भुखमरी की समस्या ज़्यादा है। उसी तरह किसी देश के स्कोर कम होने का मतलब है कि वहां की स्थिति बेहतर है। मसलन, इस साल भारत का स्कोर है 28.7, जो रिपोर्ट तैयार करने वालों के मुताबिक़ गंभीर स्थिति है।