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है 12 जुलाई को है राष्ट्रीय सादगी दिवस, मलाला दिवस व वर्ल्ड पेपर बैग डे
आज है 12 जुलाई को है राष्ट्रीय सादगी दिवस, मलाला दिवस व वर्ल्ड पेपर बैग डे
सीएन, नैनीताल। हर साल 12 जुलाई को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाये जाते हैं जिनमें शामिल है विश्व मलाला दिवस और राष्ट्रीय सादगी दिवस। राष्ट्रीय सादगी दिवस हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन अमेरिकी लेखक और दार्शनिक हेनरी डेविड थोरो की याद में मनाया जाता है, जिनका जन्म 12 जुलाई 1817 को हुआ था। थोरो को सरल जीवन और प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के लिए जाना जाता है। यह दिवस हमें अपने जीवन में सादगी के महत्व पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, हम अक्सर भौतिक चीजों में उलझे रहते हैं। राष्ट्रीय सादगी दिवस हमें इन चीजों से पीछे हटने और हमें यह सोचने का अवसर देता है कि वास्तव में हमारे लिए सादगी ही मायने रखता है। 12 जुलाई को राष्ट्रीय सादगी दिवस की स्थापना लेखक और दार्शनिक हेनरी डेविड थोरो के सम्मान में मनाया जाता है। इसी दिन इनका जन्म हुआ था। डेविड लाइफ को सिंपल से जीने को कहते थे। उनका मानना था कि लाइफ को केवल पैसे और अनावश्यक चीजों को हासिल करने के लिए ही बस खत्म ना करें। बल्कि हमारा ध्यान नेचर, ज्ञान, सेल्फ डिपेंडेंट और खुद का रास्ता बनाने पर होना चाहिए, जिसके लिए सिंपल लाइफ जीना बहुत जरूरी हैण् ऐसे में अगर आप भी सिंपल लिविंग और हाई थिंकिंग वाली लाइफ जीने पर विश्वास करते हैं तो ये कुछ अच्छी आदतें जिन्हें आपको अपनी लाइफ में जरूर शामिल करनी चाहिए।
विश्व मलाला दिवस
मलाला दिवस हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाई थी। मलाला ने लड़कियों के शिक्षा के अधिकार के लिए अपनी आवाज उठाई, जिसके लिए उन्हें तालिबान द्वारा गोली मार दी गई थी। मलाला दिवस महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के सम्मान का प्रतीक भी है।
वर्ल्ड पेपर बैग डे
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक है। जिसे गलने में सालों लग जाते हैं। ऐसे में पर्यावरण को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने और कागज के बैग के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 12 जुलाई को विश्व स्तर पर पेपर बैग डे मनाया जाता है। 1852 में फ्रांसिस वोले नाम के अमेरिकी आविष्कारक ने पहली पेपर बैग मशीन का निर्माण किया। वोले की मशीन ने पेपर बैग के उत्पादन को तेज और कुशल बना दिया। इसके बाद सन 1871 में मार्गरेट ई. नाइट ने फ्लैट.बॉटम पेपर बैग बनाने के लिए एक और मशीन बनाई थी। इसके बाद से पेपर बैग का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जाने लगा।