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स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने ब्रिटेन के आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की

स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने ब्रिटेन के आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की
सीएन, लंदन।
कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने ब्रिटेन के आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की है। वहीं ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद सत्ता से बाहर होने जा रही है। ब्रिटेन के आम चुनाव में अर्थव्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा थी। यही वजह है कि कंजर्वेटिव पार्टी ने आखिरी समय पर दांव खेलते हुए मतदाताओं को डराने की कोशिश की कि लेबर पार्टी सत्ता में आई तो वे टैक्स बढ़ा देंगे। हालांकि जनता ने इस पर विश्वास नहीं किया और लेबर पार्टी को भरपूर समर्थन दिया। कीर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए एकतरफा जीत हासिल की है और पार्टी अब तक 358 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं पिछली बार 300 से ज्यादा सीटें जीतने वाली कंजर्वेटिव पार्टी सिर्फ 81 सीटों पर सिमट गई है। इसके साथ ही कीर स्टार्मर का ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है। हार के बाद ऋषि सुनक ने कहा कि मैं माफी मांगता हूं और इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं। ऋषि सुनक ने कहा कि लेबर पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल की है और मैंने कीर स्टार्मर को फोन कर उनकी जीत पर बधाई दी। आज सत्ता शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से स्थानांतरित हो जाएगी। सुनक ने कहा कि श्मैं कंजर्वेटिव पार्टी के कई अच्छे मेहनती उम्मीदवारों की हार की जिम्मेदारी लेता हूं जो आज रात अपनी कोशिशों अपने स्थानीय रिकॉर्ड और अपने समुदायों के प्रति समर्पण के बावजूद हार गए। मुझे इसका दुख है। सुनक आज रात ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कीर स्टार्मर ने नतीजों के बाद मतदाताओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि देश के लोग परिवर्तन के लिए तैयार हैं और दिखावे की राजनीति को खत्म करने के लिए उन्होंने मतदान किया है। 61 वर्षीय स्टार्मर ने कहा कि चाहे लोगों ने उन्हें वोट दिया हो या नहीं मैं इस निर्वाचन क्षेत्र के हर व्यक्ति की सेवा करूंगा। मैं आपके लिए बोलूंगा आपका साथ देंगे हर दिन आपकी लड़ाई लड़ूंगा। अब समय आ गया है कि हम अपना काम करें। ब्रिटेन के आम चुनाव में जो मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चा में रहे, उनमें अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, अवैध प्रवासी मुद्दा, आवास, पर्यावरण, अपराध, शिक्षा, टैक्स के साथ ही ब्रेक्जिट भी प्रमुख मुद्दा रहा। ब्रिटेन में संसद में कुल 650 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 326 सीटों का है। पिछले चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी ने 344, लेबर पार्टी ने 205, स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने 43, लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी ने 15, डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी ने 7, सिन फिन पार्टी ने 7 और रिफॉर्म यूके पार्टी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की थी। ब्रिटेन में इससे पहले टोनी ब्लेयर के नेतृत्व में लेबर पार्टी की सरकार सत्ता में रही थी। बीते 14 वर्षों से कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार थी। अब एक बार फिर कीर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी की सरकार सत्ता में वापसी करने जा रही है। ब्रिटेन चुनाव के मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स में भी लेबर पार्टी की प्रचंड जीत का दावा किया गया था। एग्जिट पोल्स में लेबर पार्टी को 410 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बताया गया था। अब चुनाव नतीजों ने एग्जिट पोल्स के दावों को सच साबित कर दिया है। ब्रिटेन का लोकतांत्रिक ढांचा भी भारत से मिलता.जुलता है। भारत की तरह ब्रिटेन में भी संसद के दो सदन हैं, जिन्हें हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स कहा जाता है। हाउस ऑफ कॉमन्स ब्रिटेन का निचला सदन है। जिसके सदस्यों के निर्वाचन के लिए आम नागरिक मतदान करते हैं। निचले सदन में जिस पार्टी को 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें मिलती है, वह सरकार बनाती है। पार्टी के नेता  को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है। ब्रिटेन की संसद में कुल 650 सीटें हैं। चुनाव जीतने के लिए पार्टियों को 326 का आंकड़ा पार करना होगा। अगर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो वे बाकी छोटे दलों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना सकते हैं। वहीं हाउस ऑफ लॉर्ड्स अपर हाउस के सदस्यों का चुनाव नहीं होता, इन्हें प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है। देश के पहले ब्रिटिश भारतीय प्रधानमंत्री ने उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड और नॉर्थॉलर्टन सीट पर 23,059 वोटों के साथ आराम से कब्जा जमाया लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी की हार टालने में विफल रहे। ब्रिटिश भारतीय और कंजर्वेटिव पार्टी की उम्मीदवार शिवानी राजा भी जीत हासिल करने में सफल रही हैंए उन्होंने लेबर पार्टी के उम्मीदवार और लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल को लीसेस्टर ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र में हराया।

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