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आज है विश्व यूएफओ दिवस : खेल को बढ़ावा और खेल पत्रकारों के समर्पण और योगदान का सम्मान करना उद्देश्य
आज है विश्व यूएफओ दिवस: खेल को बढ़ावा और खेल पत्रकारों के समर्पण और योगदान का सम्मान करना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल। हर साल 2 जुलाई को विश्व यूएफओ दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड यूएफओ आर्गेनाइज़ेशन द्वारा 2001 में विश्व यूएफओ दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। यह दिन खेल के प्रति उत्साही लोगों को एक साथ लाने का काम करती है। कई लोग यूएफओ के अस्तित्व पर विश्वास नहीं रखते। ऐसे में यूएफओ को मान्यता देने के लिए यूएफओ दिवस मनाया जाने लगा। यह दिवस इससे पहले 24 जून को मनाया जाता था लेकिन बाद में दुनियाभर में 2 जुलाई को विश्व खेल पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है दुनियाभर में खेल को बढ़ावा और खेल पत्रकारों के समर्पण और योगदान का सम्मान करना। स्पोर्ट्स जर्नलिज्म हर मीडिया ऑर्गेनाइजेशन का एक महत्वपूर्ण भाग है। ऐसे में विश्व खेल पत्रकारिता दिवस के अवसर पर खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने, खिलाड़ियों को प्रेरित करने और खेलों के इतिहास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। खेल पत्रकारिता की शुरुआत साल 1800 में शुरू हो गई थी। 1900 में खेल पत्रकारिता एक पेशे के रूप में विकसित होने लगा। 2 जुलाई 1924 में पेरिस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दौरान पहली बार स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट डे मनाया गया था। पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुंचाना, संपादित करना और सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं, जैसे अखबार, पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, वेब.पत्रकारिता आदि। खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि वह अच्छे स्वास्थ्य, शारीरिक दमखम और बौद्धिक क्षमता का भी प्रतीक है। यही कारण है किं पूरी दुनिया में अति प्राचीन काल से खेलों का प्रचलन रहा है। मल्लयुद्ध, तीरंदाज,ए घुड़सवारी, तैराकी, गुल्ली डंडा, पोलो रस्साकशी, मलखंभ, वॉल गेम्स जैसे आउटडोर या मैदानी खेलों के अलावा चौपड़, चौसर या शतरंज जैसे इनडोर खेल प्राचीनकाल से ही लोकप्रिय रहे हैं।