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वॉयजर-1 स्पेसक्राफ्ट ने एक बार फिर अस्पष्ट सिग्नल की सीरीज पृथ्वी पर भेजना किया शुरू

सीएन, वॉशिंगटन।  नासा का वॉयजर-1 स्पेसक्राफ्ट जो अनंत अंतरिक्ष की यात्रा पर है, उसे नवंबर 2023 में कम्युनिकेशन में खराबी का सामना करना पड़ा था, जो अब सही होती दिख रही है। पिछले पांच महीनों की मेहनत के बाद अब उसने एक बार फिर अस्पष्ट सिग्नल की सीरीज पृथ्वी पर भेजना शुरू कर दिया है। 1977 में वॉयजर-1 और उसका जुड़वा वायेजर-2 को लॉन्च किया गया था। सौर मंडल की बाहरी पहुंच के साथ अज्ञात ब्रह्मांड में यह जा रहा है। वॉयजर-1 पृथ्वी को लगातार सिग्नल भेजता रहा है। लेकिन नवंबर 2023 के बाद से उसने कोई भी डेटा नहीं भेजा। इसके तीन ऑनबोर्ड कंप्यूटर में से एक में समस्या का अनुमान लगाया गया। अंतरिक्ष यान से हाल ही में नए संकेत मिले हैं। इससे पता चलता है कि नासा मिशन टीम वॉयजर-1 में आई खराबी का पता लगाने के काफी करीब पहुंच रही है। वॉयजर-1 वर्तमान में पृथ्वी से लगभग 24 अरब किलोमीटर की दूरी पर है। यह इंसानों का बनाया अब तक का सबसे दूर का अंतरिक्ष यान है। इस बीच वायेजर-2 हमारे ग्रह से 20 अरब किमी से ज्यादा की यात्रा कर चुका है। दोनों इंटरस्टेलर स्पेस में हैं। यह अंतरिक्ष यान सिर्फ पांच साल तक चलने के लिए डिजाइन किए गए थे। यह दोनों इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले अंतरिक्ष यान हैं। इनका प्रारंभिक लक्ष्य बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून की करीब से जांच करना था। पहली बार इन अंतरिक्ष यानों ने बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं की करीब से तस्वीर खींची। शनि और इसके जटिल रिंग सिस्टम के बारे में भी पहली बार इनसे ही बारीकी से पता चला। लेकिन दोनों अंतरिक्ष यानों को लंबी यात्रा के दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।मिशन टीन ने पहली बार 14 नवंबर 2023 को वॉयजर-1 के कम्युनिकेशन में समस्या देखी। तब फ्लाइट डेटा सिस्टम की टेलीमेट्री मॉड्यूलेशन इकाई ने कोड को बार-बार भेजा था। वोयेजर-1 का फ्लाइट डेटा सिस्टम विज्ञान उपकरणों से जानकारी इकट्ठा करता है और इसे अंतरिक्ष यान के वर्तमान स्वास्थ्य का संकेत देने वाले इंजीनियरिंग डेटा के साथ जोड़ता है। यह डेटा पृथ्वी पर मिशन कंट्रोल को बाइनरी कोड एक और शून्य के रूप में मिलता है। समस्या का पता चलने के बाद से मिशन टीम कंप्यूटर रीस्टार्ट करने में लगी थी। 3 मार्च को वैज्ञानिकों ने पाया कि उसे पहले से अलग सिग्नल मिल रहा था। लेकिन अभी भी यह पूरी तरह सटीक नहीं है।

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