क्राइम
श्यामखेत में बिना नक्शे स्वीकृति के निर्माण हुए भवनों का होगा ध्वस्तीकरणः आयुक्त
सीएन, भवाली/भीमताल (सूचना)। आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत ने जनपद के भवाली,भीमताल एव श्यामखेत में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम भवाली में बस स्टैंड का कार्य चल रहे जिसका प्रोजेक्ट नौ करोड़ का है जिसमे से 4.6 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है टाउन प्लानर के आरईइस ने जानकारी देते हुए बताया कि बाकी धनराशि समय से मिलने पर यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा। भवाली स्थित लकड़ी टाल में टैक्सी स्टैंड का कार्य प्रारंभ किया जाना है। जिसमे सडक़ के किनारे की दुकानों को उस स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। जिससे पहाड़ो को जाने वाले रास्ते मे जो जाम लगता है उससे आने जाने वालों को निजात मिल सकेगा। श्री रावत ने श्यामखेत में निरीक्षण में कहा कि ऐसे जितने भी मकान है जिनको पूर्व में प्राधिकरण द्वारा नोटिस दे दिया गया कि बिना नक्शे के जो भी निर्माण हुए है ध्वस्तीकरण करने को कार्यवाही जिला विकास प्राधिकरण को दिए। उन्होंने यह भी कहा कि चलाना के बाद भी इन स्थानों में निर्माण कैसा चल रहा है ।भीमताल मे हो रहे ग्रुप हाउसिंग के जो भी कार्य किये जा रहे हैं उन बिल्डरों से कहा कि जो भी नक्शे जिला विकास प्राधिकरण के द्वारा पास किए गए है उनके द्वारा निर्माण के दौरान मलबे का उचित निस्तारण नहीं किया जा रहा है जबकि जिला विकास प्राधिकरण द्वारा उन्हें पूर्व में भी नोटिस भी दिया गया है इसके बावजूद वे अभी भी मलबे का उचित निस्तारण नहीं कर रहे हैं जो कभी भी आपदा के दौरान घरों को नुकसान एवं जान-माल को हानि पहुंचा सकता है जिसे आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए ऐसे नक्शों को निरस्त करने के निर्देश सचिव जिला विकास प्राधिकरण को दिए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के मालवा का निस्तारण करने के निर्देश दिए। तिरछा खेत मे लगभग 37 फ्लैट की कंपाउंडिंग हुई है उनका भली-भांति निरीक्षण करें कि क्या वे ग्रुप हाउसिंग के मानकों को पूरा कर रहे है या नहीं । की रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं इन 37 फ्लैट्स का चालान करने के बाद भी कार्य कैसे हो रहा है जिसे आयुक्त द्वारा गंभीरता से लेते हुए सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय को जांच के निर्देश दिए । साथ ही संबंधित अधिकार स्पष्टीकरण देने के भी निर्देश दिए। श्री रावत ने कहा कि अगली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव भी लाया जाएगा कि जो भी निर्माण किये जायेंगे उसमे भूगर्भ वैज्ञानिक से अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य किया जाएगा।