संस्कृति
नैनीताल में आज 8 सितंबर से 15 सितंबर तक होगा श्री नंदा सुनंदा महोत्सव, आज सांय काल को मंगोली रौखड़ गांव से कदली वृक्ष लेने जायेगा दल
नैनीताल में आज 8 सितंबर से 15 सितंबर तक होगा श्री नंदा सुनंदा महोत्सव, सांय काल को मंगोली रौखड़ गांव से कदली वृक्ष लेने जायेगा दल
सीएन, नैनीताल। श्री नंदा सुनंदा महोत्सव 2024 का आज 8 सितंबर से शुरू हो जायेगा। मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमा.निर्माण के लिए कदली.वृक्ष मंगोली रोखड़ गांव को राम सेवक सभा का एक दल आज रवाना होगा। इधर महोत्सव के सफल संचालन तथा इसे भव्य रूप देने के लिए 21 समितियों का गठन किया गया है ।उत्तराखंड की संस्कृति एवं विरासत श्री नंदा देवी महोत्सव नैनीताल में 1903 से प्रारंभ हुआ तथा श्री राम सेवक सभा इसे 1918 से अनवरत आयोजित करती आ रही है। सभा के अध्यक्ष मनोज साह तथा महासचिव जगदीश बावड़ी ने बताया कि 2024 के महोत्सव हेतु कदली वृक्ष, मूर्ति निर्माण, मंडप निर्माण, मंडप व्यवस्था, पंच आरती, देवी भोग, सुंदरकांड, प्रसाद वितरण, मंदिर प्रवेश समिति, सीधा प्रसारण, दान पात्र चंदा समिति, सांस्कृतिक शोभा यात्रा, मंदिर सफाई, भंडारा, देवी दर्शन समिति, डोला भ्रमण, डोला विसर्जन समिति, दीप दान, मंदिर परिसर चंदा, मंदिर परिसर उद्घोषणा तथा मेला प्रवक्ता समिति का गठन कर लिया गया है। उन्होंने बताया की कार्य को पूर्ण करने के लिए श्रद्धालुओं के साथ जिला प्रशासन जिला अधिकारी, माँ नयना देवी ट्रस्ट, डीएसए, पालिका, जल संस्थान, पुलिस, मीडिया, सूचना विभाग का विशेष सहयोग तथा मूर्ति निर्माण के लोक पारंपरिक कलाकार चंद्र प्रकाश साह के साथ मूर्ति का भव्य निर्माण करते है तथा इस वर्ष 8 सितंबर से 15 सितंबर 24 तक महोत्सव आयोजित होगा।
चन्द राजाओं की कुलदेवी मानी गई है मां नंदा देवी
नैनीताल। उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में उत्तराखंड की आराध्य देवी नंदा की स्तुति में मेला व पूजन आगामी माह 8 सितम्बर रविवार से शुरू हो जायेगा। नंदा मेले का औपचारिक उद्घाटन के बाद श्री राम सेवक सभा का एक दल कदली वृक्ष के खाम लेने रवाना होगा दूसरे दिन कदली खाम नैनीताल पहुंचेंगे। इसके बाद खामों से नंदा-सुनंदा की मूर्तियां बनाने का कार्य शुरू हो जायेगा। अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में नयना देवी मंदिर में नंदा-सुनंदा की मूर्तियां स्थापित कर दर्शन व पूजन प्रारम्भ हो जायेगा। नैनीताल सहित उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों में नंदा देवी महोत्सव इस वर्ष भी मनाया जा रहा है। मां नंदा कई रूपों में पूजी जाती है। जहां वह चन्द राजाओं की कुलदेवी मानी गई है। वहीं वह पार्वती व सती के रूप में भी पूजी जाती है। शैलपुत्री भी नंदा को माना गया है। नंदा नवदुर्गा के रूप में भी विराजमान मानी गई है।