संस्कृति
दिवाली पर वास्तु के हिसाब से जलाएं दीपक, घर पर जमकर बरसेगा धन
दिवाली पर वास्तु के हिसाब से जलाएं दीपक, घर पर जमकर बरसेगा धन
सीएन, हरिद्वार। दिवाली सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे 01 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। दिवाली प्रकाश का पर्व है, जिसमें लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं। इस दिन को बड़ी ही धूमधाम और उत्साह के साथ परिवार के सभी लोग मिलकर मनाते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार दिवाली का त्योहार 01नवंबर 2024 को पड़ेगा। इस दिन भक्त भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यह मान्यता है कि इस दिन दान धर्म के काम करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। दिवाली प्रकाश का पर्व है। सभी लोग अपने.अपने घरों को दीयों की रोशनी से रोशन करते हैं लेकिन शास्त्रों में इसके नियम बताए गए हैं।
दिवाली पर दीये जलाने का सही तरीका
एक दीपक सबसे पहले मंदिर में जलाकर रखना चाहिए। दीपक को जलाने के लिए सरसों के तेल व घी का ही उपयोग करें। दिवाली पर दिये जलाने के लिए सूर्यास्त के बाद, प्रदोष काल के आसपास का समय चुनना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मिट्टी के दियों को ही जलाना चाहिए क्योंकि यह वास्तु के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। दीपक को वास्तु अनुसार बताई गई दिशाओं में ही जलाएं। दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार पर दिया जरूर जलाएं जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। आपके घर को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा। लिविंग रूम और मंदिर में दीपक जरूर रखें। घर की रसोई में दिये को जलाकर जरूर रखें। रसोई के दक्षिण.पूर्व कोने में दिये को जलाकर रखने से स्वास्थ्य अच्छा होता है।
दीपक जलाने की सही दिशा
पूर्व-इस दिशा में दिये जलाने से परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य, सद्भाव व शांति की प्राप्ति होती है।
उत्तर-इस दिशा में दिये जलाने से समृद्धि और सफलता मिलती है।
दक्षिण-वास्तु शास्त्र की मानें तो इस दिशा में दिये जलाकर नहीं रखने चाहिए।
दिवाली पर इसलिए जलाए जाते हैं घी और तेल के दीपक
वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। ऐसे में इस साल दिवाली का पर्व 01 नवंबर को मनाया जाएगा। इस पर्व की धूम न केवल देश बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यदि दिवाली पर नियमों के अनुसार दीप जलाए जाएं तो इससे आपको काफी लाभ देखने को मिल सकता है। दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है और यह भाई दूज पर चलता है। जैसा कि इस त्योहार के नाम से ही ज्ञात होता है कि दिवाली दीपों का त्योहार है। इस दिन लोग अपने घरों के साथ.साथ गली-मोहल्ले में भी दीपक जलाते हैं। दीपावली पर एक दीपक घी का और अन्य सभी तेल से जलाए जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम ने रावण का वध कर और 14 वर्ष का वनवास समाप्त करने के बाद अपनी नगरी अयोध्या पहुचे थे। इस दिन अमावस्या होने के कारण नगर वासियों ने दीपक जलाकर भगवान श्रीराम का भव्य स्वागत किया था। लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दीप माला जलाकर प्रभु राम का स्वागत किया था। तभी से इस दिन को दीपोत्सव के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई।