संस्कृति
आज 14 मार्च मीन संक्रांति को है फूलदेई….फुलदेई, छम्मा देई, दैणी द्वार,
सीएन, नैनीताल। मीन संक्रांति के दिन घरों की देहरी, दहलीज पर बच्चे गाना गाते हुए फूल डालते हैं, इस त्यौहार को फूलदेई कहा जाता है। कहीं-कहीं फूलों के साथ बच्चे चावल भी डालते हैं। इसी को गढ़वाल में फूल संग्राद और कुमाऊं में फूलदेई पर्व कहा जाता है। इस त्यौहार मे फूल डालने वाले बच्चे फुलारी कहलाते हैं। फूलदेई को फुलदेई, छम्मा देई, दैणी द्वार, फूल संक्रांति तथा फूल संग्राद आदि नामो से जाना जाता है। जैसे कि, सबसे प्रसिद्ध संक्रांति त्यौहार मकर संक्रांति प्रायः 14 जनवरी के दिन ही होता है। उसी प्रकार मीन संक्रांति के दिन होने के कारण यह फूलदेई त्यौहार प्रत्येक वर्ष 14 मार्च अथवा 15 मार्च के दिन ही होता है। अधिकांश हिंदू त्यौहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाये जाता हैं, अतः उनकी एक निश्चित तिथि निर्धारित रहती है। परंतु संक्रांति पर आधारित त्यौहार सूर्य के चारों तरफ प्रथ्वी के चक्र की स्थति के अनुसार मनाए जाते है। इसलिए हिंदू पंचांग के अनुसार कोई तय तिथि निर्धारित नहीं की जा सकती है। अतः फूलदेई त्यौहार हिन्दी माह फाल्गुन अथवा चैत्र मे से किसी भी माह मे हो सकता है।
चला फुलारी फूलों को,
सौदा-सौदा फूल बिरौला
भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां
म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लैयां