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आज 20 अक्टूबर को है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी : भगवान गणेश की पूजा करने का विधान

आज 20 अक्टूबर को है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी : भगवान गणेश की पूजा करने का विधान
सीएन, हरिद्वार।
हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी ये व्रत रखता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं इसके अलावा व्यक्ति को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर हो रही है। वहीं इसका समापन 21 नवंबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदया तिथि के चलते 20 अक्टूबर को वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। ज्योतिष गणना के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा इस दिन शिव वास योग भी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में शिव दी कैलाश में विराजमान रहते हैं। इस योग में गणेश जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ.सुथरे कपड़े धारण कर लें। मंदिर की साफ.सफाई कर पूजा का संकल्प लें। भगवान गणेश को पीले रंग का फूल, फल, मोदक, मालपुए और दूर्वा अर्पित करें। धूप.दीप जलाकर विधि विधान से गणेश जी की पूजा करें और गणेश आरती, चालीसा का पाठ करें।
भगवान गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

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