धर्मक्षेत्र
आज है वैशाख महीने की बुद्ध पूर्णिमा तिथि : पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा महत्व
सीएन, नैनीताल। हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है। बौद्ध धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके अलावा सात वर्षों की कठिन तपस्या के बाद आज ही के दिन भगवान गौतम बुद्ध को बिहार के बोधगया के बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध का महानिर्वाण भी हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व है। इससे व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है और वह खूब आगे बढ़ता है। अगर गंगा किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। साथ ही अपनी क्षमतानुसार कुछ न कुछ दान भी अवश्य करें। पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 11 मई को रात 8 बजकर 1 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर होगा। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025 को मनाया जाएगा। वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था। गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। बौद्धों के लिए बोध गया गौतम बुद्ध के जीवन से संबंधित सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोधगया के अलावा कुशीनगर, लुंबिनी और सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया और उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी।
