धर्मक्षेत्र
आज चैत्र माह की भूतड़ी अमावस्या को स्नान दान का क्यों है विशेष महत्व
आज चैत्र माह की भूतड़ी अमावस्या को स्नान दान का क्यों है विशेष महत्व
सीएन, प्रयागराज। हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार, लगभग सभी तिथियों का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक माह की अमावस्या तिथि भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है। हर माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है। हिंदू पंचांग में कुल 12 महीने होते हैं और सभी माह में एक अमावस्या होती है। इस प्रकार साल में कुल 12 अमावस्या तिथि होती हैं। अमावस्या का बहुत ही अधिक महत्व होता है कई विशेष त्योहार भी अमावस्या के दिन ही मनाएं जाते हैं। प्रत्येक अमावस्या का अपना महत्व होता है। अब चैत्र माह की अमावस्या तिथि आने वाली है. चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहते हैं। भूतड़ी अमावस्या बहुत ही खास मानी जाती है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या होती है। इस साल चैत्र अमावस्या तिथि की शुरूआत 20 मार्च की रात 1 बजकर 47 मिनट पर हो जाएगी। अमावस्या तिथि का समापन अगले दिन 21 मार्च को रात 10 बजकर 53 मिनट पर होगा। सूर्योदय तिथि को महत्व देते हुए। अमावस्या तिथि 21 मार्च को मनाई जाएगी। यानी भूतड़ी अमावस्या 21 मार्च को होगी। यह भूतड़ी अमावस्या और भी कई कारणों से शुभ होने वाली है। इस दिन शुभ, शुक्ल और सिद्धि तीन शुभ योग बन रहे हैं। भूतड़ी अमावस्या का संबंध भूत से है। भूतों को नकारात्मक शक्तियों, आत्मा व प्रेतात्माओं से संबंधित माना जाता है। यह शक्तियां कई बार उग्र होती है। भूतड़ी अमावस्या पर इनकी शांति के लिए उपाय किए जाते हैं। कई आत्माएं अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जीवित लोगों को अपने वश में करती है। ऐसे में इनकी शांती के लिए भूतड़ी अमावस्या पर लोगों को पवित्र नदी में स्नान कराया जाता है। ऊपरी हवा और भूत का चक्कर होने पर पवित्र नदी में स्नान करने से छुटकारा मिलता है।