Connect with us

चम्पावत

इतिहास : जब चंदवंशीय राजा का एक ग्वाला बन गया कुमाऊं का राजा

जब चंदवंशीय राजा का एक ग्वाला बन गया कुमाऊं का राजा
सीएन, चम्पावत।
कुमाऊं के चंद शासकों की वंशावली में एक राजा का नाम है थोहरचंद. फ्रांसिस हैमिल्टन ने अपने दस्तावेज द एकाउंट ऑफ़ दी किंगडम ऑफ़ नेपाल में थोरचंद को कुमाऊं में चंद वंश का संस्थापक माना है. थोरचंद को कुमाऊं में चंद वंश का संस्थापक मानने की बात डब्लू फ्रेजर भी करते हैं. डब्लू फ्रेजर हर्षदेव जोशी के हवाले से लिखते हैं–चंदों के पहले राजा थोहरचंद थे जो 16-17 वर्ष की उम्र में यहां आये थे. उनके तीन पुश्त बाद कोई उत्तराधिकारी न रहने से थोहरचंद या थोहरचंद के चाचा की संतान में से ज्ञानचंद नाम के राजा यहां आये. एटकिंसन की हिमालयन गजेटियर और बद्रीदत्त पांडे की किताब कुमाऊं का इतिहास, दोनों में ही चंद वंश का संस्थापक सोमचंद को बताया गया है. फिलहाल थोहरचंद के गद्दी में बैठने से जुड़ी के लोककथा कुछ इस तरह है–इलाहबाद के निकट झूसी नाम की एक जगह थी जहां के शासक चंद राजा हुआ करते थे. थोहरचंद इन्हीं चंदवंशीय राजा के यहां ग्वाला था. एक दिन थोहरचंद चंद वंशीय राजाओं के यहां गोबर उठा रहा था. थोरचंद को काम करता देख एक ब्राह्मण उसके समीप आया. ब्राह्मण ने जब थोहरचंद के पैरों के निशान गोबर पर देखे तो वह चकित रह गया. ब्राह्मण ने थोहरचंद से कहा वह बहुत जल्द ही किसी राज्य का राजा बनने वाला है. थोहरचंद ने ब्राह्मण की बात को मजाक समझा और कहने लगा–जब वह किसी राज्य का राजा बनेगा तो वह उसे दीवान रखेगा. यह उस काल की बात है जब कुमाऊं का शासक निःसंतान था. कुमाऊं के राजा ने छंदों के दरबार में अपने कुछ रिश्तेदार भेजे थे और चंद राजा से अनुरोध किया कि वह अपना एक पुत्र राज करने कुमाऊं भेज दें. चंद राजा अपने बेटों से खूब प्यार करता था वह समझता था मैदानों में पहले बड़े उसके बेटे इस काबिल न थे कि पहाड़ की ठंड को सह सकें. राजा बड़ी दुविधा में था तब उसने अपने दरबार में परामर्श किया. दरबारियों की सलाह पर राजा ने तय किया कि वह अपने ग्वाले को राजकुमार बनाकर कुमाऊं भेज देगा. इस तरह झूसी के चंद शासकों ने एक ग्वाले को राजकुमार बनाकर कुमाऊं भेज दिया. इस ग्वाले का नाम था थोहरचंद. जब थोहरचंद को इस बात का पता चला कि वह राजा बनने वाला तो उसे ब्राह्मण की बात याद आ गयी और ब्राह्मण को किया अपना वादा भी. थोहरचंद ने राजा से विनती की कि उसके साथ ब्राह्मण को भी कुमाऊं भेजा जाये. राजा ने उसकी सुन ली और थोहरचंद और चौबे ब्राह्मण कुमाऊं आ गये. थोहरचंद ने अपने वादे के अनुसार राजा बनते ही ब्राह्मण को अपना दीवान भी नियुक्त किया. काफल ट्री से साभार

More in चम्पावत

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING