नैनीताल
नैनीताल में रोडवेज की संपत्ति को प्रशासन द्वारा खुर्द-बुर्द करने का भारी विरोध, कार्य बहिष्कार की धमकी
नैनीताल में रोडवेज की संपत्ति को प्रशासन द्वारा खुर्द-बुर्द करने का भारी विरोध, कार्य बहिष्कार की धमकी
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा कुमाऊं क्षेत्र की आपात बैठक में नैनीताल में रोडवेज की संपत्ति को प्रशासन द्वारा खुर्द-बुर्द करने का भारी विरोध किया गया। बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड परिवहन निगम की नैनीताल स्थित पुराने बस स्टेशन को शासन प्रशासन द्वारा खुर्द-बुद व अधिग्रहण किया जा रहा है। परिवहन निगम के सभी संगठनों द्वारा गठित मोर्चा की बैठक में कहा गया कि डाठ स्थित पुराने बस स्टेशन के सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रशासन व निगम के बीच स्पष्ट करार हुआ था कि सौन्दर्यकरण के बाद रोडवेज की संपत्ति वापस दी जायेगी। लेकिन आज प्रशासन की हठधर्मिता के कारण इस संपत्ति को दूसरे विभागों को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि नैनीताल रोडवेज बस स्टेशन बचाओ एक सूत्रीय मांग को लेकर क्रमवार आंदोलन किया जायेगा। जिसके तहत सर्वप्रथम डीएम नैनीताल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा। इसके बाद संयुक्त मोर्चा की रैली निकाली जायेगी। इसके बाद भी कार्रवाई नही हुई तो धरना प्रदर्शन, कार्य बहिष्कार जैसे आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। संयुक्त मोर्चा की इस बैठक में कर्मचारी नेता लीला बोरा, आन सिंह जीना, मुकेश वर्मा, नवनीत कपिल, नवीन लोहनी, चन्द्रशेखर शर्मा, जगदीश कांडपाल, हरीश पाठक, रचना बिष्ट, योगेनछ्र जोशी, राजेश पांडे, नितिन दीक्षित, सत्य प्रकाश, पूरन राणा, अमित जंगवाल सहित अनेक लोग मौजूद थै।
पर्यटन के नाम पर रोडवेज की संपत्तियों को खुर्द-बुंर्द कर रही सरकार : लीला
नैनीताल। भारतीय मजदूर महासंघ की राष्ट्रीयता नेता लीला बोरा ने कहा कि पर्यटन के नाम पर सरकार रोडवेज की सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द कर रही है। आज हालत यह है कि जगह-जगह स्थित यात्री प्रतीक्षालयों को नीजी हाथों में देकर रोडवेज को कंगाल बनाया जा रहा है। इसमें परिवहन निगम के आला अधिकारी भी शामिल है, लेकिन रोडवेज के कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि नैनीताल रोडवेज की सम्पत्ति को प्रशासन द्वारा खुर्द-बुर्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नैनीताल डाठ स्थित पुराने बस स्टेशन के सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रशासन व निगम के बीच स्पष्ट करार हुआ था कि सौन्दर्यकरण के बाद रोडवेज की संपत्ति वापस कर दी जायेगी। लेकिन अब प्रशासन इससे मुकर रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से कोई कार्रवाई नही की गई तो रोडवेज कर्मचारी अदालत की शरण में चले जायेंगे।