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नैनीताल

नैनीताल के नारायण नगर में बननी थी 50 करोड़ की पार्किंग, बन रही महज 365 लाख की योजना

दशकों से नैनीताल में व्यवस्था की काहिली से नही बन पाई पार्किंग, एडीबी को बनानी थी पार्किंग, बना रहा केएमवीएन
-उत्तराखंड सरकार के ही वन विभाग के देहरादून में बैठे एक अधिकारी की आपत्ति से नैनीताल में नही बन पाई  बडी पार्किंग

चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। हाई कोर्ट के डंडे के बाद जिस तरीके से प्रशासनिक अमला नैनीताल में पार्किंग की संभावनाओं को अब टटोल रहा है, अगर दो दशक से उठ रही मांग के अनुरूप नैनीताल में पार्किंग की समस्या का समाधान कर लिया होता तो पर्यटन नगरी में यातायात व्यवस्था तार-तार नही हो रही होती। उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार के दौरान नैनीताल से आठ किमी दूर चारखेत-नारायण नगर में आईआईटी दिल्ली की टीम ने सर्वे कर इसे बहुमंजिला पार्किंग निर्माण के लिए उचित स्थान बताया था। चारखेत में 75 नाली यानि डेढ़ हेक्टेयर भूमि में पार्किंग बननी थी। एशियन डवलपमेंट बैंक से मिले 50 करोड़ लागत से बहुमंजिल पार्किंग निर्माण की डीपीआर भी बन गई थी। पार्किंग की डीपीआर पंचेश्वर बांध का नक्शा तैयार करने वाली दिल्ली की वेपकोस कम्पनी ने बनाई थी। व्यवस्था की काहिली ही कही जाएगी कि वन  विभाग ने इसमें पेंच फंसा दिया। उत्तराखंड का यह भी दुर्भाग्य कहा जायेगा कि एक विभाग योजना तैयार करता है तो दूसरा विभाग उसमें पेंच फंसा देता है और हुक्मरान महज तमाशा देखने वाले बन कर रह जाते हैं। वन विभाग की आपत्तियों के कारण 50 करोड़ लागत से बनने वाली 1150 वाहनों की क्षमता की पार्किंग महज 3 करोड़ 65 लाख में सिमट गई। दूसरे फेज का निर्माण होने पर यहां 290 वाहनों की पार्किंग हो पायेगी। वर्तमान में यहां 160 वाहनों की पार्किंग चल रही है जिसमें रहने व खाने की भी व्यवस्था है। दूसरे चरण में 95 लाख रुपये की लागत से 130 वाहन क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण होना है।

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चारखेत में वन विभाग ने पार्किंग निर्माण में यह लगाई थी आपत्ति
नैनीताल
। नारायणनगर-चारखेत में पार्किंग निर्माण के मामले में भूमि सर्वेक्षण निदेशालय देहरादून के तत्कालीन  अपर प्रमुख वन संरक्षक मनोज चन्द्रन ने निर्माण एजेंसी एडीबी पर्यटन को लिखे पत्र में कहा था कि चारखेत-नारायण नगर में 75 नाली यानि डेढ़ हेक्टेयर भूमि में पार्किंग बननी है वह भूमि आरक्षित वन भूमि है। इसके अलावा यह स्थान भूगर्भीय दृष्टि से भी संवेदनशील है। यहां बहुमंजिले पार्किंग का निर्माण नही किया जा सकता है। पत्र में यह भी कहा गया था कि नारायण नगर में वन विभाग का बॉटनिकल पार्क है। पार्किंग से यह पार्क प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा प्रस्तावित पार्किंग स्थल के पास गैस गोदाम है। लिहाजा यह स्थान पार्किंग के लिए उचित नही है। दुखद यह है कि आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ इस स्थान पर पार्किंग बनाने को उचित मानते हैं, सरकार भी बजट की व्यवस्था करती है लेकिन सरकार के ही वन विभाग की आपत्ति से ही सब धरा रह जाता है।
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नैनीताल में आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ के सुझाये गये स्थानों पर नही बन पाई पार्किंग 
नैनीताल। पांच वर्ष पूर्व आईआईटी दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डा. गौतम तिवारी प्रोजेक्ट एसोसिएट पुष्कर कुमार की अगुवाई में नैनीताल पहुंची टीम ने प्रशासन द्वारा गठित कमेटी के साथ शहर के कई संभावित स्थलों का निरीक्षण भी किया था। मल्लीताल अशोक टाकीज को भी पार्किंग बनाने की संभावनाओं को भी खोजा गया। इस स्थान पर यदि पार्किंग का निर्माण किया जाता है तो यह महत्वपूर्ण पार्किंग हो सकती है। इसके अलावा डीएसए मैदान मल्लीताल पार्किंग का विस्तार के साथ ही मेट्रोपोल मल्लीताल, सूखाताल, तल्लीताल न्यू बस स्टेशन, तल्लीताल कार पार्किंग, भवाली व हल्द्वानी मार्ग, नारायण नगर, लिंक मार्ग सहित कई संभावित स्थलों को पार्किंग में तब्दील किया जा सकता है। दुर्भाग्य से आज तक न तो अशोक टाकीज और न ही सुझाये गये स्थलों में पार्किंग का निर्माण कराया गया। इसे व्यवस्था की काहिली ही कहा जायेगा कि कोई भी नैनीताल की ज्वलंत समस्या का समाधान ही नही है।

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130 वाहन क्षमता वाली पार्किंग का होना है निर्माण 

नैनीताल। कुमाऊं मंडल.विकास निगम नैनीताल के निर्माण विंग के सहायक अभियंता पीसी चंदोला का कहना है कि वर्तमान में निगम ने 160 क्षमता की पार्किंग तैयार कर ली है। जिसमें रेस्टोरेंट, वेटिंग रूम, गार्ड रूम, शौचालय सहित रहने की भी सुविधा है। दूसरे चरण में 95 लाख रुपये की लागत से 130 वाहन क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण होना है। जिसकी डीपीआर बना कर शासन को भेजी गई है। पहले इस स्थान 1150 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग एडीबी द्वारा बनाई जानी थी। लेकिन आपत्तियों के कारण वह नही बन पाई। भविष्य में कुल 290 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग का निर्माण कुमाऊं मंडल.विकास निगम नैनीताल द्वारा पूर्ण किया जायेगा।

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चित्र परिचय-12एनटीएल01-नैनीताल से आठ किमी दूर नारायण नगर-चारखेत में प्रथम चरण में बनाई गई पार्किंग। 

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