नैनीताल
उत्तराखंड के प्रख्यात सितार वादक सुरेश कुमार का निधन
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड के प्रख्यात सितार वादक सुरेश कुमार का निधन होने से यहां शोक की लहर दौड़ गई। वह सरोवर नगरी नैनीताल के प्रख्यात रंगकर्मी संगीतकारों में से एक थे। लखनऊ घराने से संबंध रखने वाले प्रख्यात सितार वादक स्वर्गीय श्री देवी राम जी के प्रथम शिष्य के रूप में रहे। नैनीताल शहर की ऐसी विभूति श्री ईश्वर के चरणों में चली गई जिनका स्थान की पूर्ति करना असंभव है। नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिरला विद्या मंदिर कॉलेज में 30 वर्षो तक संगीत विभागध्यक्ष के पद कार्यरत रहे व ऑल सेंस कॉलेज नैनीताल मैं सितार की शिक्षा दी व लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल में वह हल्द्वानी हिमालय स्कूल मॉडर्न स्कूल में संगीत की शिक्षा दी साथ कई अन्य विद्यालयों में भी आपने संगीत की शिक्षा दी है। नैनीताल संगीत संस्था युगमंच, आयाम मच, रामलीला और अन्य संस्थाओं में संगीत के माध्यम से अपनी सेवा दी साथ ही 1975 में नवयुवक संघ संस्था की स्थापना की और साथ ही बताते चलें कि सुरेश जी ने 1970 में सितार वादन से कुमाऊं में प्रथम स्थान प्राप्त किया व आयाम मंच नैनीताल में कम से कम 15वर्ष तक महासचिव के पद पर रहे नैनीताल शरदोत्सव में अपनी भूमिका से संगीत से मन मोह लिया और नैनीताल के संगीतकारो वह कलाकारों में उनके जाने से मायूसी छा गई उत्तराखंड व नैनीताल को संगीत की बहुत बड़ी छती हुई है जिसकी पूर्ति कभी नहीं की जा सकती। अपने आप को ईश्वर की चरणों में स्थान लिया अपने पीछे सुरेश अपनी धर्मपत्नी व दो पुत्र बहु पौत्र पोत्री को रोता बिलकता छोड़ गये।