नैनीताल
नैनी झील को बचाने को सूखाताल व कैचमेंट एरिया को पुनर्जीवित करना होगा : रावत
पर्यावरणविद् ने नैनी झील के घटते जल स्तर पर चिंता जताई, विलुप्त नालियों को खोलने पर दिया जोर
संवाददाता, नैनीताल। पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत ने नैनी झील के घटते जल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा है कि नैनी झील को बचाने के लिये सूखाताल झील एवं उसके कैचमेंट एरिया को पुनर्जीवित करना होगा। विलुप्त एवं बंद नालियों को खोलना होगा जिससे सूखाताल झील में पानी का रूकाव हो सके व धीरे-धीरे रिस कर नैनी झील में लगातार आये। उन्होंने कहा कि नैनीताल के ग्रीन बैल्ट एरिया के साथ ही शहर में गु्रप हाउसिंग एवं बहुमंजिला भवनों के निर्माण पर पूर्ण रोक लगायी जाय। साथ ही नैनीताल में सीसी सड़क निर्माण कार्य बंद करने होंगे ताकि वर्षा जल जमीन के भीतर होते हुये नैनी झील में आ सके। उन्होंने बताया कि नेैनीताल में पूर्व में 30 जलस्रोत चिन्हित थे जो अब मात्र आठ रह गये हैं जिनमें निर्माण कार्यो के कारण पानी की कमी हुई है। उन्होंने ने कहा कि नैनीताल शहर के अधिकांश भवनों के छतों का वर्षा पानी सीवरेज से होते हुये शहर से बाहर चला जाता है व वर्षाकाल में आये दिन सीवरेज ओवरफ्लो होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी घरों का वर्षा के पानी को नालियों द्वारा नैनी झील में लाया जाय जिससे नैनी झील का 20 प्रतिशत जलस्तर बढ़ेगा। अब भी कदम नही उठाये तो नैनी झील का अस्तित्व बचाना ही मुश्किल होगा। मालूम हो कि रावत सूखाताल झील एवं उसके कैचमेंट एरिया को पुर्नजीवित करने की मांग को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ चुके हैं।