नैनीताल
जनवरी के शुरुआत में ही 4.3 फीट नीचे गिर गया है नैनी झील का जलस्तर
शीतकाल में पर्याप्त वर्षा व बर्फबारी ही झील में बना सकती है संतुलन पर झील का भरना असंभव
सीएन, नैनीताल। बीते चार माह से वर्षा नही होने व झील से लगातार जल दोहन होने से नैनी झील का जलस्तर 12 फिट से घट कर 7.7 फिट पर आ गया है। यानी जनवरी के शुरुआत में ही 4.3 फीट नीचे आ गया है। नैनी झील का जलस्तर एक से आधा इंच रोज घट रहा है। अगर यही हालत रही तो इस वर्ष जल्दी ही डेल्टा दिखने के कयास लगाये जा रहे है। हालांकि अभी लोगों में वर्षा व शीतकाल में बर्फबारी होने की उम्मीद है। अच्छी वर्षा व बर्फबारी ही अब झील में संतुलन बना सकती है। प्राकृतिक रूप से नैनी झील वर्षा जल से 60 प्रतिशत व भूमिगत जल से 40 प्रतिशत रिर्चाज होती है। शीतकालीन बर्फवारी व वर्षा के बाद ही भूमिगत जल का सन्तुलन बना रहता है। बीते तीन वर्षों से नैनीताल में पर्याप्त बर्फवारी हुई और न ही शीतकालीन वर्षा नतीजन इसका सीधा असर नैनी झील में पड़
सूखाताल की भारी उपेक्षा ने नैनी झील की हालत की खराब
नैनीताल। लाखों लीटर पानी जलागम क्षेत्रों से दोहन करने के बाद जीवनदायिनी नैनी झील का जलस्तर अब तेजी से घटने का कारण रहा है। लेकिन इसका मुख्य कारण सूखाताल में अवैध निर्माणों के कारण झील का रिचार्ज नही होना भी है। झील 40 प्रतिशत भूमिगत व 60 प्रतिशत वर्षा जल से रिचार्ज होती है। जिसमें से सर्वाधिक रिचार्ज सूखाताल क्षेत्र के जलागम क्षेत्र से होता है। सूखाताल क्षेत्र में लगातार अवैध निर्माणों व इस क्षेत्र की भारी उपेक्षा के कारण नैनी झील की हालत खराब हुई है।