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विश्व पर्यावास दिवस 4 अक्टूबर : आश्रय और आवास के अधिकार को बढ़ावा देना उद्देश्य

विश्व पर्यावास दिवस 4 अक्टूबर: आश्रय और आवास के अधिकार को बढ़ावा देना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल।
विश्व पर्यावास दिवस 4 अक्टूबर को मनाया गया। यह दिन संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है। इस दिन को दुनिया भर में हर किसी के लिए पर्याप्त आश्रय और आवास के मूल अधिकार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है, जो घनी आबादी वाले हैं और तेजी से शहरीकरण के कारण प्रभावित हुए हैं। यह दिन हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1985 में प्रतिवर्ष विश्व पर्यावास दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के बाद, पहला विश्व पर्यावास दिवस 1986 में नैरोबी, केन्या में मनाया गया था। इस दिवस का पालन इस प्रकाश में महत्वपूर्ण है क्योंकि कि जनसंख्या घनत्व विविधता, गरीबी, जलवायु संकट और प्राकृतिक आपदाओं ने जीवन की गुणवत्ता के लिए खतरा पैदा कर दिया है। अनियोजित शहर, तेजी से शहरीकरण और पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल प्रभावों ने आश्रय संकट जैसी कई अन्य समस्याओं को जन्म दिया है। वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का 70 प्रतिशत शहरी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से आता है। इस प्रकार समाधान खोजने और उपयुक्त आश्रय प्रावधानों के लिए यह दिवस महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दिन का उद्देश्य कार्रवाई योग्य शून्य.कार्बन योजनाओं को विकसित करना भी है। इस समय दुनिया की लगभग आधी आबादी नगरों में बसती है और वर्ष 2050 तक इस आबादी में 70 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। एक अरब से अधिक लोग झुग्गी.झोंपड़ियों में रहते हैं और ये संख्या भी बढ़ेगी। यूएन.पर्यावास एजेंसी की प्रमुख मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने विश्व पर्यावास दिवस पर आजरबैजान के बाकू शहर में एक आधिकारिक समारोह में कहा कि देशए सतत विकास लक्ष्य .11 की प्राप्ति के रास्ते पर बहुत पीछे हैं। एजेंसी की कार्यकारी निदेशक मायमूना मोहम्मद शरीफ़ ने कहा कि हाल ही में, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में आयोजित एसडीजी सम्मेलन में यूएन प्रमुख ने विश्व नेताओं से बहुत स्तरीय प्रशासन और सहयोग को अनेक स्तरों पर मज़बूत करने का आग्रह किया था। मामयमूना शरीफ़ ने कहा कि यूएन.पर्यावास दुनिया के सभी क्षेत्रों में 600 से अधिक शहरों के साथ काम कर रहा है और सतत नगरीकरण को वित्तीय संसाधनों पर एक स्थिति पत्र को अन्तिम रूप दिया जा रहा है।

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