स्वास्थ्य
अल्मोड़ा में ईएनटी सेवाएं ठप होने की कगार पर: स्वास्थ्य विभाग की दोहरी नीति से जनता त्रस्त
अल्मोड़ा में ईएनटी सेवाएं ठप होने की कगार पर: स्वास्थ्य विभाग की दोहरी नीति से जनता त्रस्त
सीएन, अल्मोड़ा। महानगर अल्मोड़ा जिला अस्पताल में नाक, कान और गले ईएनटी से जुड़ी सेवाएं एक बार फिर संकट में हैं। जिले में ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. सोनाली जोशी का स्थानांतरण पौड़ी कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता में बाधा है, बल्कि पर्वतीय जनता के मौलिक अधिकारों के भी विपरीत है। डॉ. सोनाली जोशी ने अल्मोड़ा में सेवा के दौरान अपनी कार्यकुशलता, सरल व्यवहार और समर्पण से जनता का विश्वास जीता। 31 अक्टूबर 2023 के बाद जब ईएनटी सर्जरी पूरी तरह बंद हो चुकी थी, तब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत और फोटो-वीडियो साक्ष्यों के आधार पर ही ऑपरेशन फिर शुरू हो पाए। लेकिन अब, जब सेवाएं पटरी पर लौटने लगी थीं, स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से इन प्रयासों को झटका दे दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने डॉ. सोनाली के स्थानांतरण को जनविरोधी और असंवेदनशील बताते हुए कहा। एक ओर हम स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की बात करते हैं, दूसरी ओर जो डॉक्टर ईमानदारी से काम कर रही हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। अल्मोड़ा की जनता फिर से अंधेरे में धकेली जा रही है। थलीसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी चौहान पिछले दो वर्षों से जनरल सर्जन के पद पर काम कर रहे हैं, जबकि वहां ईएनटी का पद स्वीकृत ही नहीं है। वे बार-बार पौड़ी स्थानांतरण की मांग कर रहे है, जहां उनकी विशेषज्ञता की जरूरत है, लेकिन उनकी अपील अनसुनी है। इसके विपरीत, अल्मोड़ा में पूरी तरह आवश्यक और जनता की मांग पर कार्यरत डॉ. सोनाली जोशी को जबरन ट्रांसफर कर दिया गया। यह दोहरा रवैया स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता और संवेदनशीलता पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। संजय पाण्डे की मुख्य चिकित्सा अधिकारी से हुई मुलाकात में यह भी स्पष्ट हुआ कि उन्हें डॉ. सोनाली जोशी के स्थानांतरण का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ था। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह निर्णय बिना समन्वय और बिना ज़मीनी हकीकत समझे लिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने मांग की है कि डॉ. सोनाली जोशी का स्थानांतरण आदेश तत्काल निरस्त किया जाए।. उन्हें अल्मोड़ा में स्थायी रूप से नियुक्त किया जाए। डॉ. अश्विन चौहान को उनके विशेषज्ञता क्षेत्र पौड़ी में स्थानांतरित किया जाए। पांडे ने कहा कि कब तक हमें अपने हक के लिए गुहार लगानी पड़ेगी और क्या पर्वतीय जनता की सेहत का कोई मोल नहीं।























