विधि
एडवोकेट ने सीजेआई को चीफ कहा तो जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आये
एडवोकेट ने सीजेआई को चीफ कहा तो जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आये
सीएन, नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक एडवोकेट ने सीजेआई को चीफ कहा तो जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आ गए। उन्होंने वकील को हिदायत देकर कहा कि वो सही से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का नाम लें। कुछ देर के लिए कोर्ट रूम में जस्टिस के तेवर देखकर वकील भी हक्के बक्के रह गए। दरअसल एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह ने वकील से पूछा कि आपने ये मैटर किसके सामने मेंशन किया था। एडवोकेट का जवाब था कि उन्होंने ये मामला चीफ (सीजेआई) के सामने रखा था। जस्टिस शाह ने फिर से पूछा कि आपने किसके सामने मामला रखा था। वकील ने कहा ऑनरेबल चीफ जस्टिस। जस्टिस एमआर शाह गुस्से में आ गए। वो बोले कि आप बार बार चीफ-चीफ क्यों कह रहे हैं। उसके बाद वकील के होश उड़ गए। उन्होंने जस्टिस शाह से अपनी गलती की माफी मांगी। फिर मामले की सुनवाई आगे बढ़ी। ध्यान रहे कि मौजूदा दौर में सुप्रीम कोर्ट और बार के बीच तल्खी बेहद ज्यादा बढ़ी है। सुप्रीम कोर्ट की एक लैंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान विकास सिंह सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में तारीख को लेकर अड़े तो सीजेआई का पारा चढ़ गया। उन्होंने विकास सिंह को लगभग चीखते हुए अपनी कोर्ट से बाहर जाने को कह गया। ये वाकया काफी सुर्खियों में रहा था। हालांकि विकास सिंह उस समय कोर्ट से चले गए। लेकिन जूडिशरी और बार के बीच कटुता काफी ज्यादा बढ़ गई। होली पर हुए समारोह में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेआई को निमंत्रण दिया था। लेकिन वो वहां नहीं गए। साफ दिख रहा था कि सीजेआई विकास सिंह को बख्शने के मूड़ में नहीं थे। हालांकि दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से सीजेआई से माफी भी मांगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को उनका ये रवैया रास नहीं आया। बार ने उनको नोटिस जारी करके पूछा कि जिस मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी उसके लिए वो सीजेआई से माफी मांगकर क्यों आए। साफ दिख रहा है कि बार भी सीजेआई से पंगा लेने में पीछे नहीं हट रही है। बार ने कपिल सिब्बल को नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया है। हालात से साफ है कि बार और जूडिशरी के बीच आने वाले दिनों में कड़वाहट और ज्यादा बढ़ने वाली है। जस्टिस एमआर शाह के तेवर से लगा कि जूडिशरी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।