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अक्षय ऊर्जा दिवस 20 अगस्त  2023 : प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को मिलता है प्रोत्साहन

अक्षय ऊर्जा दिवस 20 अगस्त  2023 : प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को मिलता है प्रोत्साहन
सीएन, नईदिल्ली।
लोगों को उर्जा संबंधित विकास के लिए जागरूक करने के लिए अक्षय ऊर्जा दिवस भारत में दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी जयंती के दिन 20 अगस्त को मनाया जाता है। वर्तमान समय में अक्षय ऊर्जा दिवस मनाना और भी आवश्यक बनता जा रहा है, क्योंकि खतरनाक दर से धीरे-धीरे हर दिन पृथ्वी पर संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं। इसलिए भारत के सभी लोगों को जागरूक करने के लिए अक्षय ऊर्जा दिवस मानना अति आवश्यक है। क्योंकि बायोगैस, विद्युत ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत जैसे प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के बारे में जागरूक करना इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है। प्राकृतिक संसाधनों की कमी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, यह हमारी युवा पीढ़ी के लिए गंभीर समस्या का विषय बन सकता है। नागरिकों को जागरूक करने के लिए भारत में पहली बार अक्षय ऊर्जा दिवस 2004 में मनाया गया था। यह दिवस प्राकृतिक संसाधनों जैसे-बायोगैस,विद्युत ऊर्जा, जलविद्युत आदि। की जागरूकता लोगों में बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा और भारतीय नवीन स्रोत मंत्रालय के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सबसे पहले इस दिन का आयोजन साथ मिलकर किया। भारत के नागरिकों में हरित ऊर्जा स्रोतो के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मानव श्रृंखला इस खास दिन पर 12000 स्कूली बच्चे आम जनता के लिए एकत्रित हुए थे। प्राकृतिक संसाधनों की कुशल उपयोग की भूमिका को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार यह आयोजन 20 अगस्त 2004 नई दिल्ली में मनाया गया था। 2006 में भी नई दिल्ली में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया और 2007 में हैदराबाद मे वह 2008 में पंचकूला में आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री द्वारा अक्षय ऊर्जा दिवस के पहले समारोह के दिन हि एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया था। यह अभियान लोगों में पारंपरिक ऊर्जा के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा के बारे में भी अवगत कराता है।
इस दिन या ऊर्जा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की अवधारणा अपने युवा पीढ़ी जो कॉलेज या स्कूल के है उनको समझने पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। अभियानों के द्वारा हम लोगों को इस बात से अवगत कराते हैं की पर्यावरण या उससे होने वाले दुष्प्रभाव कितने भयंकर होते हैं। भारत के सभी नागरिकों को नवीकरणीय ऊर्जा के लाभो के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिवस एक जागरूकता अभियान के रूप में मनाया जाता है। दिन प्रतिदिन जैसे-जैसे प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी पर खतरनाक दर से समाप्त हो रहे हैं, उसी प्रकार अक्षय ऊर्जा दिवस मनाना अत्यधिक आवश्यक या महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इस अभियान द्वारा कॉलेज और स्कूल की युवा पीढ़ी की जागरूकता बढ़ाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, ड्राइंग प्रतियोगिता, पोस्टर के साथ रैलिया जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बैटरी चालित दोपहिया रैली द्वारा पहली बार 2012 में आयोजित किया गया था। प्राकृतिक स्रोतों के द्वारा हमें नवीकरण ऊर्जा प्राप्त होता है, नवीकरण ऊर्जा के उपयोग द्वारा हम पर्यावरणीय क्षरण और नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं।
प्राकृतिक संसाधन जो अधिक तेजी से सूर्य के प्रकाश और हवा सहित उपयोग की तुलना में पुनः पूर्ति करते हैं, वह नवीकरण ऊर्जा के स्रोत होते हैं। इस अभियान द्वारा अक्षय ऊर्जा के विकास के बारे में सभी युवा पीढ़ी को जागरूक करना है। हमारे लिए अत्यधिक आवश्यक है, क्योंकि किसी भी आधुनिक सभ्यता की कल्पना हम ऊर्जा के बिना नहीं कर सकते हैं। ऊर्जा का सीधा संबंध पर्यावरण से ही होता है, इसके द्वारा हम पर्यावरण संबंधित समस्या को रोक सकते हैं। इस दिवस अक्षय ऊर्जा विकास के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ लोगों को ग्रहों के बारे में भी जागरूक कराया जाता है। यह समारोह मुख्यतः स्कूल और कॉलेज के युवा के लिए होता है, उन को जागरूक करने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह हमारे भविष्य की कुंजी रखते हैं।
अक्षय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा इसलिए दिया जा रहा है, जिससे ग्रीन हाउस में ऊर्जा स्रोतों से होने वाले गैसों का उत्सर्जन कम कर सके। रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला है कि जीवाश्म ईंधन का ग्रीनहाउस उत्सर्जन में अधिक योगदान है।

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