Connect with us

राष्ट्रीय

इस गांव में नहीं मनाई जाती दिवाली, 7 पीढ़ियों पर लगा है श्राप

इस गांव में नहीं मनाई जाती दिवाली, 7 पीढ़ियों पर लगा है श्राप
सीएन, शिमला।
दिवाली देशभर में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां दिवाली नहीं मनाई जाती है। हमीरपुर जिले में भोरंज उपमंडल के सम्मू गांव में कई दशकों से दिवाली नहीं मनाई जाती है। इसके अलावा दिवाली के दिन सम्मू गांव के किसी भी घर में पकवान तक नहीं बनाए जाते हैं। गांव वालों का कहना है कि इसका कारण है गांव को मिला श्राप। सम्मू गांव के लोगों का मानना है कि गांव पर श्राप है, इसलिए यहां दिवाली पर जश्न नहीं मनाया जाता है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति दिवाली का जश्न मनाता है तो यहां आपदा आती है या फिर किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है। इस बार भी हमीरपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूरी पर स्थित सम्मू गांव में दिवाली को लेकर कोई रौनक नहीं देखी जा रही है। कई सौ सालों से गांव में दिवाली मनाने से परहेज किया जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि दिवाली के दिन दीप तो जलाए जाते हैं, लेकिन अगर किसी परिवार ने गलती से भी पटाखे जलाने के साथ-साथ घर पर पकवान बनाए तो फिर गांव में आपदा आना तय है। लोगों द्वारा दिवाली पर पूजा तो की जाती है, लेकिन पकवान बनाने और पटाखे चलाने से परहेज किया जाता है। पुरानी कथा के अनुसार एक महिला दिवाली मनाने के लिए मायके जाने को निकली थी। उसका पति राजा के दरबार में सैनिक था, लेकिन जैसे ही महिला गांव से कुछ दूर पहुंची तो उसे पता चला कि उसके पति की मौत हो गई है। महिला यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और वो अपने पति की चिता पर बच्चे के साथ ही सती हो गई। साथ ही जाते-जाते सारे गांव को यह श्राप दिया कि 7 पीढ़ियों तक इस गांव के लोग कभी दिवाली का त्योहार नहीं मना पाएंगे। उस दिन से लेकर आज तक इस गांव में दिवाली नहीं मनाई गईं लोग केवल सती की मूर्ति की पूजा करते हैंं इस दिन जो भी दीपावली पर पकवान बनाने की कोशिश करता हैं उसका नुकसान हो जाता हैं। एक दो परिवारों ने कुछ साल पहले दीपावली मनाने की कोशिश की थी उनके घर में आग लग गई। परिवार के लोगों को बीमारियां लग गई। कुछ लोगों की मौत हो गई और फिर उन्हें गांव छोड़कर जाना पड़ा। सैकड़ों सालों से सम्मू गांव में दिवाली नहीं मनाई जाती है। अगर दिवाली मनाने की कोशिश करते हैं तो गांव में किसी न किसी की अकाल मौत हो जाती है या फिर आपदा आती है। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि लोगों ने इस श्राप से मुक्ति पाने की कोशिश नहीं की गई है। गांव के लोगों ने कई बार कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई। लोगों को श्राप का इतना खौफ है कि दीपावली को गांव के लोग घरों से बाहर भी निकलना मुनासिब नहीं समझते हैं। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव को इस श्राप से मुक्त करवाने के लिए कई बार हवन-यज्ञ तक का सहारा लिया गया लेकिन सब विफल रहा। 3 साल पहले गांव में बड़े यज्ञ का आयोजन भी किया गया था, लेकिन आज दिन तक इस गांव को इस श्राप से मुक्ति नहीं मिल पाई। यज्ञ के बाद गांव के कुछ लोगों ने दिवाली मनाने की कोशिश की थी तो उनके घर में आग लग गई थी। जिसके बाद से अब गांव में कोई भी दिवाली का त्योहार नहीं मनाता है। युवाओं का कहना है कि सम्मू गांव में आज दिन तक दिवाली नहीं मनाई गई। दिवाली का त्योहार मनाने पर गांव में किसी न किसी की मौत हो ही जाती है।

More in राष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING