राष्ट्रीय
झामुमो के संस्थापक, संरक्षक शिबू सोरेन का सोमवार सुबह दिल्ली के अस्पताल में निधन
सीएन, रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का सोमवार सुबह दिल्ली के श्री गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शिबू सोरेन झामुमो के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और पिछले लगभग चार दशक से पार्टी के मुखिया बने हुए थे। उन्हें आदिवासी समुदाय के एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। पूर्वी भारत की राजनीति में उनका एक मजबूत और स्थायी प्रभाव रहा।उनके बेटे और वर्तमान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “प्रिय दिशोम गुरुजी हमें छोड़कर चले गए। आज मैंने अपना सब कुछ खो दिया।”बताया जा रहा है कि शिबू सोरेन पिछले कुछ महीनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उन्हें नियमित इलाज के लिए दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 24 जून को हेमंत सोरेन ने भी अस्पताल पहुंचकर अपने पिता की तबीयत का हाल जाना था।अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि शिबू सोरेन का निधन सुबह 8:56 बजे हुआ। वह पिछले एक महीने से वेंटिलेटर (जीवन रक्षक प्रणाली) पर थे। उन्हें लंबे समय से किडनी की समस्या थी और करीब डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी आया था।”शिबू सोरेन का जाना झारखंड और भारत की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वे एक युगपुरुष थे, जिन्होंने न केवल आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि झारखंड राज्य के निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
