राष्ट्रीय
मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
सीएन, नईदिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की कार्यवाही मणिपुर हिंसा पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। राज्य में हिंसा व महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले पर नाराज विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगन व लोकसभा की दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मणिपुर मुद्दे पर बयान दें। नारेबाजी और शोरशराबे के बीच राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकर मामले की गंभीरता को समझती है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। कुछ राजनीतिक दल चर्चा नहीं करना चाहते, इसलिए वे ऐसा बर्ताव कर रहे हैं। इसके बाद ओम बिरला ने भी हंगामे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नारेबाजी से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मणिपुर में पिछले 77 दिन से अराजकता का माहौल बना हुआ है। अगर ये कहा जाए कि वहां पर सरकार और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है तो ये गलत बात नहीं है। मानसून सत्र मैं पीएम मोदी का ये दायित्व होना चाहिए कि इस विषय पर वो सदन के समक्ष बोले। सवाल ये है कि पिछले 78 दिन मणिपुर में जो हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन हैं? इसलिए विपक्ष ने मांग की है कि दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। हमारी मांग है कि पीएम सदन के बाहर बोल सकते हैं तो सदन के अंदर क्यों नहीं बोल सकते?