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मोदी सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदला, कांग्रेस ने कहा-अफसोस की बात
मोदी सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदला, कांग्रेस ने कहा-अफसोस की बात
सीएन, नईदिल्ली। मोदी सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम कर दिया है, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा, अफसोस की बात है कि नौबत यहां तक आ गई। उन्होंने कहा, एक प्रचंड बहुमत वाली पार्टी से इस तरह का छोटापन दुर्भाग्यपूर्ण है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि नौबत यहां तक आ गई। मुझे लगता है कि अन्य प्रधानमंत्रियों को शामिल करने के लिए इमारत (तीन मूर्ति भवन) का विस्तार करने का आइडिया एक असाधारण विचार है, लेकिन इस प्रक्रिया में देश के पहले प्रधानमंत्री, जिन्होंने अंतरिम सरकार का नेतृत्व किया, आजादी के बाद देश के पीएम बने और अब तक सबसे ज्यादा समय तक पद रहने वाले प्रधानमंत्री हैं, का नाम हटाना ओछापन है।’ थरूर ने आगे कहा, आप इसे नेहरू मेमोरियल प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम कह सकते थे। ये ओछापन दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारे अपने ऐतिहासिक अतीत के प्रति एक कड़वाहट को दिखाता है। मेरा मानना है ये ऐसी सरकार को शोभा नहीं देता, जिसके बाद इतना अच्छा बहुमत हो। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला 15 जून 2023 को लिया गया था, लेकिन फैसले को आधिकारिक स्वरूप 14 अगस्त को दिया गया। पीएम म्यूजियम की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सोसायटी के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त 2023 से प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया। संग्रहालय तैयार होने के बाद अप्रैल 2022 में इसे जनता के लिए खोला गया। इसमें देश सभी प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित की गई है। अब इसका नाम बदल दिया गया है।नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। उन्होंने कहा था कि नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
जेपी नड्डा ने दिया था जवाब
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस बात को पचा नहीं पा रही है कि एक वंश से अलग नेता भी देश के लिए योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है।
पूर्व पीएम नेहरू का आधिकारिक निवास
1929-30 के दौर में बना तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था। आजादी के बाद ये तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना। 1964 में अपने निधन तक नेहरू करीब 16 साल तक यहीं रहे थे। इसके बाद की सरकार ने नेहरू को समर्पित करते हुए इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसी के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और सोसायटी की स्थापना हुई।