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संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट से सशर्त जमानत, पत्नी ने भरा बॉन्ड

संजय सिंह को ट्रायल कोर्ट से सशर्त जमानत, पत्नी ने भरा बॉन्ड
सीएन, नईदिल्ली।
के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि, तिहाड़ जेल अधिकारियों को अभी तक संजय सिंह का जमानत आदेश नहीं मिला है। इससे पहले बुधवार सुबह ट्रायल कोर्ट में जमानत की शर्तें तय कर दी गई हैं। अब ट्रायल कोर्ट का आदेश जेल भेजा जाएगा। राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह को सशर्त जमानत दे दी है। 2 लाख के निजी मुचलके पर कोर्ट में जमानत का बेल बॉन्ड उनकी पत्नी के द्वारा भरा गया है। संजय सिंह के वकीलों ने राउज ऐवन्यू कोर्ट को संजय सिंह की जमानत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में बताया। वकील ने कहा कि संजय सिंह की जमानत बॉन्ड भरने के लिए जमानतदार संजय सिंह की पत्नी हैं। वकील के माध्यम से कोर्ट में उन्होंने कहा कि मैं एक सांसद हूं, मेरे भागने का खतरा भी नहीं है कोर्ट ने कहा कि हम केवल यह बताना चाहते हैं कि शर्त यह है कि वह दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में अपनी भूमिका के बारे में प्रेस के साथ चर्चा नहीं कर सकते। कोर्ट ने संजय सिंह को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा। ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की गई जमानत की शर्तों के अनुसार जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे, जांच में सहयोग भी करेंगे। शर्तों में आगे कहा गया है कि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा शराब मामले में वह अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। संजय सिंह अगर दिल्ली.छोड़ते हैं तो वह अपनी यात्रा के कार्यक्रम ईडी के साथ साझा करेंगे। वह अपनी लोकेशन शेयरिंग भी ऑन रखेगें और ईडी के साथ साझा करेंगे। ये तय है कि अस्पताल से संजय सिंह रिहा नहीं होंगे, आज डिस्चार्ज होकर वापस तिहाड़ जाएंगे। ऑर्डर दोपहर बाद तक जा सकता है और शाम तक रिहाई संभव है। तिहाड़ सूत्रों का कहना है कि उनकी रिहाई आज ऑर्डर पर डिपेंड करता है कि कब तक पहुंचेगा। ऑर्डर अगर दोपहर बाद पहुंचा तो शाम 7 बजे तक रिहाई होगी। गौरतलब है कि पिछले साल 2 दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने एक आरोप पत्र में दावा किया था कि संजय सिंह को अपने सहयोगी सर्वेश मिश्रा के जरिए 2 करोड़ रुपये प्रत्येक 1 करोड़ की दो किस्तों में की रिश्वत मिली थी, ये आरोप दिनेश अरोड़ा के एक बयान के आधार पर लगाए गए थे।

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