राष्ट्रीय
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 2019 से कितने चुनावी बॉन्ड खरीदे और भुनाए गए
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 2019 से कितने चुनावी बॉन्ड खरीदे और भुनाए गए
सीएन, नईदिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि उसने निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉन्ड की डिटेल्स दे दी हैं। बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, खरीदारों के नाम और मूल्य का विवरण निर्वाचन आयोग को सौंप दिया गया है। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनावी बॉन्ड भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम की जानकारी भी निर्वाचन आयोग को सौंपी गई है। एसबीआई ने शीर्ष अदालत से कहा कि 14 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के संबंध में चुनाव आयोग को डिटेल्स सौंप दी गई हैं। एसबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए। वहीं 1 अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच कुल 3ए346 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और उनमें से 1,609 भुनाए गए। वहीं 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक कुल 18,871 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए। बैंक ने कोर्ट को बताया कि कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और उनमें से 22,030 बॉन्ड राजनीतिक दलों ने भुनाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एसबीआई ने अपने हलफनामे में बताया कि उसने कोर्ट के आदेश का पालन किया है। सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव और दो पीडीएफ फाइल के जरिए पासवर्ड से सुरक्षित जानकारी दी है। वहीं जिस चुनावी बॉन्ड का भुगतान किसी पार्टी को नहीं किया गया है उसकी रकम पीएम रिलीफ फंड में जमा की गई है। बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने उक्त जानकारी देने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करने वाली एसबीआई की याचिका को 11 मार्च को खारिज कर दिया था और उसे 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने से पहले आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण देने का आदेश दिया था। आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक की ओर से साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी। उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार दिया था। साथ ही चुनाव आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को बंद करने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत वित्तीय संस्थान एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।